मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की केंद्रीय जेल में बंद स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के 5 कैदियों ने अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर बीते कई दिनों से खाना पीना छोड़ दिया है. जेल प्रशासन फिलहाल इन्हें ट्यूब के जरिए लिक्विड डाइट दे रहा है. जेल में बंद अबू फैजल, कामरान, कमरुद्दीन, सादुली और सिबली अपनी मांग को मनवाने के लिए इन दिनों खाना-पीना बंद कर चुके हैं. इनमे से अबु फैजल ने तीन महीने से खाना छोड़ रखा है जबकि बाकी 4 कैदियों ने 10 दिन पहले खाना छोड़ा है. जेल प्रशासन के मुताबिक इन सबको ट्यूब के जरिए लिक्विड दिया जा रहा है और सभी 5 कैदियों की हालत सामान्य हैं. जेल में डॉक्टरों द्वारा सुबह-शाम इनका चेकअप भी किया जा रहा है.
अलग-अलग मांगों को लेकर ज़िद पर हैं अड़े
जेल प्रशासन के अनुसार इनकी कई मांगें हैं जैसे सिमी के सभी कैदियों को एक साथ खुला रखा जाए, जबकि अभी इन्हें अलग-अलग समय पर खोला जाता है. इन कैदियों की मांग है कि सभी सिमी कैदियों को एक साथ एक ही जगह पर नमाज़ पढ़ने दी जाए, जबकि बेहद गंभीर मामलों में बंद कैदियों को कभी भी एक साथ नहीं रखा जाता, क्योंकि इससे साजिश का खतरा रहता है.
जेल प्रशासन के अनुसार यह कैदी अपनी बैरक में ही अखबार चाहते हैं, जबकि जेल मैनुअल के अनुसार बैरक में अखबार नहीं दिए जाते. अखबार पढ़ने के लिए अलग-अलग समय पर कैदियों को लाइब्रेरी जाने की अनुमति दी जाती है. इसके अलावा इन कैदियों की मांग है कि इनकी किताबों की तलाशी ना की जाए जबकि समय-समय पर जेल प्रशासन जेल में बंद सभी कैदियों और उनके सेल की तलाशी लेता है.
जिससे जेल की सुरक्षा में सेंध लगाने की किसी भी कोशिश को समय रहते रोका जा सके. जेल प्रशासन के मुताबिक कैदी चाहते हैं कि उन्हें अपने घर से आने वाला सामान भी दिया जाए. यह व्यवस्था फिलहाल सभी कैदियों के लिए बंद है और जब भी यह व्यवस्था शुरू होगी तब अन्य कैदियों की तरह इन्हें भी कैंटीन के जरिए घर का सामान उपलब्ध कराया जाएगा.
खतरनाक मामलों में हैं बंद
जेल प्रशासन के मुताबिक फिलहाल भोपाल जेल में सिमी के 29 कैदी सजा काट रहे हैं. इन पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के अलावा सीरियल बम ब्लास्ट, हत्या, डकैती और अनैतिक गतिविधियों के आरोप हैं. ये सभी बेहद गंभीर अपराध माने जाते हैं. ये लोग किसी खतरनाक घटना को अंजाम ना दे सकें, इस कारण इन्हें अलग-अलग बैरक में रखा जाता है और एक दूसरे से मिलने की मनाही रहती है.
भोपाल जेल से भाग चुके हैं सिमी के कैदी
आपको बता दें कि साल 2016 में दिवाली की रात सिमी के 8 आतंकी जेल के एक सिक्योरिटी गार्ड की हत्या कर जेल तोड़कर फरार हो गए थे. बाद में भोपाल के पास ही एक पहाड़ी पर पुलिस ने इन सभी को मार गिराया था. अभी भी बड़ी संख्या में सिमी के कैदी भोपाल जेल में बंद हैं, इसलिए इस जेल को बेहद कड़े सुरक्षा घेरे में रखा जाता है. 2016 जैसी घटना दोबारा ना हो सके इसलिए सिमी के कैदियों पर जेल के भीतर कड़ी नजर रखी जाती है और अलग-अलग बैरक में रखा जाता है.