सोमवार का दिन मध्य प्रदेश विधानसभा में एक बार फिर हंगामे से भरा रहा. शिवराज के विधानसभा क्षेत्र में दलितों द्वारा इच्छामृत्यु मांगने के मामले को कांग्रेस ने अपना हथियार बनाया और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की विधानसभा में 50 दलित परिवारों ने सीएम से इच्छामृत्यु के लिए अनुमति मांगी है.
सरकार की दी जमीन पर दबंगों का कब्जा
गांव वालों का आरोप है कि सालों पहले सरकार ने जो जमीन उन्हें आवंटित की थी उस पर दबंगो ने कब्जा कर रखा है. ये परिवार सीहोर जिले में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में नसरल्लागंज इलाके के हैं. गांव वालों ने 22 जुलाई को राष्ट्रीय दलित चेतना मंच के बैनर तले मुख्यमंत्री कार्यालय को एक ज्ञापन भी भेजा था. ज्ञापन में कई गांववालों ने बकायदा अपने हस्ताक्षर भी किए हैं और उसमें लिखा है कि साल 2002 में जो जमीन शासन ने दी थी, उस पर दबंगो ने कब्जा किया है और 15 सालों से अब तक उन्हें वो जमीन नहीं मिली है.
यही नहीं गांव के दबंग गांव वालों को मारने की धमकी भी देते हैं. 15 सालों से जैसे-तैसे जीवन यापन करने वाले गावं वाले अब थक चुके हैं और परिवार वाले भूखे मर रहे हैं, इसलिए इन लोगों ने सीएम शिवराज से इच्छामृत्यु की मांग की है. बुदनी के जो ग्रामीण इच्छामृत्यु मांग रहे हैं उनमें बोरखेड़ी, वासुदेव, सोहनखेडी और जोगला गांव के लोग हैं.
कांग्रेस ने साधा निशाना
अब क्योंकि मामला शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा का था तो कांग्रेस ने भी इसे हाथों हाथ लिया और विधानसभा में हंगामा किया. कांग्रेस ने सरकार को दलित विरोधी बताते हुए निशाना साधा. इस दौरान कांग्रेस के विधायक सदन से बाहर निकल कर नारेबाजी करने लगे. इससे पहले भी शिवराज की विधानसभा में एक दलित महिला की मौत को लेकर भी कांग्रेस सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा चुकी है.
गृह मंत्री बोले साजिश
शिवराज सरकार में नए-नए गृह मंत्री बने भूपेंद्र सिंह ने इसे कांग्रेस की राजनीतिक साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि वहां ऐसी कोई समस्या है ही नहीं. कांग्रेस जानबूझकर झूठे आरोप लगा रही है.