मध्य प्रदेश में सोमवार को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इसके लिए जहां एक ओर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, वहीं रविवार सुबह से ही सभी 52 जिलों में 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान दलों की रवानगी शुरू हो गई है.
मध्य प्रदेश में 14वीं विधानसभा के गठन के लिए 25 नवंबर को 230 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. इनमें नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले की तीन विधानसभा सीटों- बैहर, लांजी व परसवाड़ा में सुबह सात से दोपहर तीन बजे तक, जबकि बाकी सीटों के लिए सुबह आठ से शाम पांच बजे तक मतदान होगा. यहां स्थिति पर नजर रखने के लिए सेना के हेलीकाप्टर का भी उपयोग किया जाएगा.
2583 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार इस बार प्रदेश में चार करोड़ 66 लाख 9 हजार 24 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. इनमें दो करोड़ 45 लाख 51 हजार 242 पुरुष व दो करोड़ 20 लाख 56 हजार 812 महिला मतदाता शामिल हैं. साथ ही मतदान में 1092 निर्दलीय उम्मीदवारों सहित 2583 विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है. इस बार लगभग 50 लाख युवा मतदाता पहली बार मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे. प्रदेश में 53946 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं.
प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी जहां सभी 230 सीटों पर मैदान में है, वहीं कांग्रेस के 229 उम्मीदवार ही हैं, क्योंकि सिंगरौली जिले की देवसर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. एचएल प्रजापति का नामांकन रद्द हो चुका है. देवसर सीट पर कांग्रेस एक निर्दलीय प्रत्याशी वंशमणि प्रसाद वर्मा का समर्थन कर रही है, जो पहले कांग्रेस की पूर्व सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
इस्तीफा नहीं हुआ था मंजूर, इसलिए रद्द हुआ प्रजापति का नामांकन
डॉ. प्रजापति शासकीय सेवा में थे और नामांकन पत्रों की जांच से पहले उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हो सका था और इस आधार पर उनका नामांकन रद्द हो गया था.
मध्य प्रदेश में बसपा ने 227, समाजवादी पार्टी ने 164, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 72, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 23, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आठ, अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी ने 31, लोक जनशक्ति पार्टी ने 28, शिवसेना ने 26, राष्ट्रीय समानता दल ने 24 व जनता दल (यू) ने 22 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं.
कांग्रेस के लिए भ्रष्टाचार, तो बीजेपी के लिए विकास है मुद्दा
कांग्रेस ने इस विधानसभा चुनाव में जहां सत्तारूढ़ बीजेपी के खिलाफ भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा बनाया है, वहीं उसने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर केन्द्र में कांग्रेसनीत यूपीए सरकार से आए धन के दुरुपयोग और केन्द्रीय योजनाओं व कार्यक्रमों में धांधली का भी आरोप लगाया है. कांग्रेस केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष के रूप में सामने रखकर चुनाव लड़ रही है. हालांकि पार्टी के लिए उसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सुरेश पचौरी व अजय सिंह ‘राहुल’ ने प्रचार किया.
दूसरी ओर, बीजेपी ने इन दस वर्षों में किए गए विकास कार्यों पर वोट मांगे हैं. यहां बीजेपी का प्रमुख चेहरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही हैं. पार्टी की ओर से नरेन्द्र मोदी के साथ ही लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, अध्यक्ष राजनाथ सिंह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, हेमामालिनी, शत्रुघ्न सिन्हा, स्मृति ईरानी और अरुण जेटली ने प्रचार किया है.