छिंदवाडा की एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर एवं उनके 17 समर्थकों को एक-एक हजार रुपये के बांड पर रिहा करने के आदेश दिये.
मेधा पाटकर तथा उनके समर्थकों को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डी.आर.गुरजरकर की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें एक-एक हजार के बांड पर छोड़ दिया गया.
मेधा पाटकर छिंदवाडा और सिवनी जिले में बनने वाले पेंच नदी परियोजना के विरोध को लेकर यहां पहुंचीं थीं. यह परियोजना क्षेत्र में सिचांई के साथ-साथ यहां स्थापित होने वाले ताप विद्युत सयंत्र को पानी देने के लिये बनायी जा रही है.
इस परियोजना से 32 गांवों के 300 से अधिक किसान प्रभावित होंगे तथा इनमें से 116 किसान तो दो गावों मे रहने वाले हैं. ये लोग डूब में आने वाली जमीन के लिये और अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं. मेधा पाटकर को पिछले दिनों उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था जब वह अपनी अधिवक्ता मित्र अराधना भार्गव की मां के निधन पर उनके निवास शोक व्यक्त करने गयीं थीं.
मेधा पाटकर ने कहा कि अभी वह कुछ समय तक छिंदवाड़ा में ही रहेंगी और प्रभावित किसानों की समस्याओं को उठायेंगी.
इससे पहले पाटकर समर्थकों ने न्यायालय के सामने उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग को लेकर प्रश्न भी किया.