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ठाकरे बिहार से नहीं, तो कहां से आए: दिग्विजय

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर कायम रहते हुए गुरुवार को फिर दोहराया कि ठाकरे परिवार बिहार से जाकर महाराष्ट्र में बस गया है. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि अगर ठाकरे परिवार बिहार से महाराष्ट्र नहीं आया है तो शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे यह बता दें कि उनका परिवार कहां से महाराष्ट्र में आया था.

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दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

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कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपने बयान पर कायम रहते हुए गुरुवार को फिर दोहराया कि ठाकरे परिवार बिहार से जाकर महाराष्ट्र में बस गया है. साथ ही उन्होंने सवाल किया कि अगर ठाकरे परिवार बिहार से महाराष्ट्र नहीं आया है तो शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे यह बता दें कि उनका परिवार कहां से महाराष्ट्र में आया था.

एक दिवसीय दौरे भोपाल पर आए सिंह ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, 'मैंने यह बात बाला साहब ठाकरे के पिता द्वारा लिखी परिवार के परिचय से सम्बंधित किताब के आधार पर कही है कि ठाकरे परिवार मगध से भोपाल, फिर चित्तौड़गढ़ से होता हुआ पुणे पहुंचा था.'

सिंह ने कहा कि उद्धव ही इतिहास लाकर बता दें कि उनका परिवार बिहार से नहीं तो कहां से महाराष्ट्र पहुंचा था. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देश के नागरिकों को रोजी-रोटी के लिए किसी भी राज्य में जाने का अधिकार है. बात मुम्बई की करें तो यह नगरी पहले मछुआरों की बस्ती हुआ करती थी, आज यहां देश के हर हिस्से के लोग रोजी-रोटी कमाने पहुंचे हैं. यह बात अलग है कि कोई अभी और कोई 200 वर्ष पहले मुम्बई आया था.

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उन्होंने सवाल किया, 'क्या रोजी-रोटी कमाने के लिए महाराष्ट्र के लोग दूसरे राज्यों में नहीं जाते?' कोयला ब्लॉक आवंटन के मसले पर पूछे गए सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि ब्लॉक केंद्र सरकार आवंटित करती है, मगर इसकी अनुशंसा प्रदेश सरकारें करती हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि खनिज सम्पदा राज्य सरकारों के अधीन होती है.

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