बीजेपी इन दिनों ‘नया चेहरा कौन’ के द्वंद्व से गुजर रही है. यही वजह है कि पार्टी की दूसरी पंक्ति के नेताओं में घमासान मचा हुआ है और वह खुद को स्थापित करने में लगे हुए हैं. पार्टी एक तरफ जहां कट्टरपंथी विचारधारा के हिमायती गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे लाने की जुगत में है तो दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर चमकाने की कवायद हो रही है.
अगले चुनाव में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका क्या होगी यह अब तक औपचारिक रूप से स्पष्ट नहीं हुई है बावजूद इसके भावी दावेदारों में आस बनी हुई ही है. गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी अपना कद जाहिर करने का कोई मौका नहीं गंवाते और वे खुद ही अपने तरीके से तथा अपने चाहने वालों के मुंह से अपना नाम उछलवाकर ‘भावी प्रधानमंत्री’ की बहस को जन्म दे देते हैं. यह बात दीगर है कि मोदी का नाम आते ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का प्रमुख घटक जनता दल (युनाइटेड) आंखें तरेरने लगा है.
भावी प्रधानमंत्री को लेकर भाजपा के सहयोगी दलों के बीच उठे विवाद के बाद मध्य प्रदेश से शिवराज की राष्ट्रीय स्तर पर छवि बनाने की कोशिश शुरू हो गई है. यह पहल की है राज्य के जनसंपर्क विभाग ने. विभाग ने 21 अगस्त से अंग्रेजी में चार पृष्ठों का आकर्षक मासिक न्यूज बुलेटिन ‘द एमपी बुलेटिन’ का प्रकाशन शुरू किया है. इस समय इस बुलेटिन का प्रकाशन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाल ही में दिल्ली में हुई भाजपा के मुख्यमंत्रियों की बैठक में शिवराज की खूब सराहना हुई है.
इस बुलेटिन को केंद्रीय मंत्रालयों, विभिन्न राज्यों, अन्य देशों के दूतावास सहित प्रमुख स्थानों पर भेजा जाएगा. इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि शिवराज के कामकाज व योजनाओं को मिली सफलता को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने की तैयारी कर ली गई है.
‘द एमपी बुलेटिन’ का ताजा अंक पूरी तरह शिवराज की योजनाओं की सफलता व राज्य की प्रगति के दावे के इर्दगिर्द ही घूमता नजर आता है. पहले पन्ने पर जहां शिवराज सरकार द्वारा आम आदमी को तय समय सीमा में सरकारी सुविधा मुहैया कराने के लिए अमल में लाई गई लोकसेवा गारंटी अधिनियम को मिले संयुक्त राष्ट्रसंघ के पुरस्कार की खबर है तो साथ ही मध्य प्रदेश की आर्थिक व कृषि विकास दर देश से ज्यादा होने का उल्लेख किया गया है.
इसके अलावा इस बुलेटिन में राज्य में बनाए जा रहे 27 औद्योगिक क्षेत्र, नई सौर ऊर्जा नीति, बागवानी केंद्र स्थापना नीति, बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए अलग से औद्योगिक केंद्र विकास निगम का गठन, विद्युत संयंत्रों के लिए जमीन का आवंटन सहित सरकार की अन्य उपलब्धियों का ब्योरा दिया गया है.
एक तरफ मोदी की छवि जहां कट्टरपंथी नेता की है, वहीं शिवराज को एक सहज, सरल राजनेता के साथ साम्प्रदायिक सौहार्द्र के हिमायती के रूप में देखा जाता है.
हाल ही में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव बनाए गए मनोज श्रीवास्तव की पहचान नवाचार के क्षेत्र में काम करने वाले अफसर की रहेगी. पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और लाडली लक्ष्मी योजना ने दोबारा सत्ता में लाने में अहम भूमिका निभाई थी. इन योजनाओं को अमली जामा पहनाने में श्रीवास्तव की अहम भूमिका थी, तब वह जनसंपर्क आयुक्त हुआ करते थे. अब उन्होंने शिवराज की ‘राष्ट्रीय छवि’ बनाने की मुहिम शुरू की है.
वरिष्ठ पत्रकार गिरजा शंकर का अभिमत है कि सरकारी तंत्र अपनी उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिए तरह-तरह के प्रयोग करता रहता है, उन्हीं में से एक अंग्रेजी में प्रकाशित हुआ ‘द एमपी बुलेटिन’ है. हर सरकार की कोशिश होती है कि उसके द्वारा किए जा रहे कामों की जानकारी सभी तक पहुंचे. साथ ही सरकारों की दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाने की आंतरिक इच्छा होती है, राज्य सरकार की कोशिश भी इसी आंतरिक इच्छा का हिस्सा है.
‘द एमपी बुलेटिन’ को अंग्रेजी में निकालने के साथ देश के अन्य राज्यों के साथ दूतावास तक भेजने के पीछे शिवराज की योजनाओं का संदेश दूर-दूर तक भेजना माना जा रहा है, ताकि जब भी मोदी की बात हो तो शिवराज पीछे न रह जाएं.