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FDI को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं: अरुण शौरी

एक तरफ जहां बीजेपी एफडीआई के खिलाफ केंद्र सरकार पर जमकर हमले कर रही हैं वहीं दूसरी ओर एनडीए सरकार में दूरसंचार मंत्री रह चुके अरुण शौरी ने कहा है कि खुदरा और विमानन क्षेत्रों में एफडीआई से जनता को ना तो बहुत नुकसान होगा और ना ही कंपनियों को बहुत फायदा होगा.

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अरुण शौरी
अरुण शौरी

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एक तरफ जहां बीजेपी एफडीआई के खिलाफ केंद्र सरकार पर जमकर हमले कर रही हैं वहीं दूसरी ओर एनडीए सरकार में दूरसंचार मंत्री रह चुके अरुण शौरी ने कहा है कि खुदरा और विमानन क्षेत्रों में एफडीआई से जनता को ना तो बहुत नुकसान होगा और ना ही कंपनियों को बहुत फायदा होगा.

छोटे व्‍यापारियों को नहीं होगा नुकसान
एक वैश्विक सम्मेलन के दौरान शौरी ने कहा कि खुदरा और विमानन में एफडीआई से ना तो बहुत फायदा होगा और ना ही बहुत नुकसान. यह दोनों पक्षों (कारोबारियों एवं उपभोक्ताओं) के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी नहीं है. उन्होंने कहा कि पांच या छह साल पहले रिलायंस, एयरटेल और बिग बाजार जैसी प्रमुख कंपनियां खुदरा क्षेत्र में आई थीं, लेकिन इनसे छोटे व्यापारी प्रभावित नहीं हुए.

शौरी ने कहा कि वास्तव में, आज फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस जैसे बड़े खिलाड़ी मुश्किल में हैं न कि छोटे व्यापारी. बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां यहां बहुत बड़ी तादाद में नहीं आ रही हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि भारत में पैर जमाना उनके लिए आसान नहीं है.

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डीजल मूल्‍य वृद्धि का करता हूं समर्थन
शौरी ने कहा कि विमानन में एफडीआई से सबसे अधिक तीन से चार कंपनियों को फायदा होगा. जिस तरह का समेकीकरण दूरसंचार क्षेत्र में देखने को मिला, वह अब विमानन क्षेत्र में देखने को मिलेगा. शौरी ने डीजल की कीमतों में 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का भी समर्थन किया.

उन्होंने कहा है कि मैं डीजल मूल्य में वृद्धि का समर्थन करता हूं. इसके 5-6 कारण हैं. पहला, हमारा घाटा नियंत्रण से बाहर हो रहा है. पेट्रोलियम उत्पादों पर सब्सिडी 1.70 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच चुकी है. क्या इस स्तर पर देश टिक सकता है.

अपने अधिकार का इस्‍तेमाल नहीं कर रहे हैं पीएम
यह पूछे जाने पर कि क्या संप्रग सरकार संकट में है, उन्होंने कहा कि मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता. पिछले चार-पांच साल से देश में कोई सरकार नहीं रही. उन्होंने कुछ करना शुरू किया है, देखते हैं कि वे क्या करते हैं.

प्रधानमंत्री के अधिकार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री के पास संपूर्ण अधिकार हैं, लेकिन प्रधानमंत्री अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. यही वजह है कि उनके अधिकारों को घटा दिया गया है.

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