'आराध्या' की उम्र छोटी है लेकिन सोच बहुत बड़ी. मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में रहने वाली 7 साल की आराध्या चाहती हैं कि देश की सभी बेटियों को पढ़ने का मौका मिले. किसी बेटी की पढ़ाई में उसके परिवार की गरीबी अड़चन न बने.
इसी सोच के साथ आराध्या ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजने के लिए 2100 रुपये का डिमांड ड्राफ्ट बनवाया. यह रकम आराध्या को बर्थडे गिफ्ट के तौर पर उसके पापा से मिली थी.
2100 रुपये की रकम बड़ी नहीं है, लेकिन आराध्या का जज्बा बहुत बड़ा है. झाबुआ के केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में पढ़ने वाली आराध्या के माता-पिता दोनों टीचर हैं. इससे पहले आराध्या की बड़ी बहन भी अपनी पॉकेटमनी प्रधानमंत्री राहत कोष में दे चुकी है. दोनों बेटियों को ये संस्कार माता-पिता से मिले हैं.
आराध्या और उसके परिवार जैसी सोच देश में हर किसी की सोच हो जाए तो सही मायने में 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा सार्थक होगा.