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मोदी की 'चाय पर चर्चा' की तरह AAP लगाएगी 'पोहा पर चौपाल'

पोहा मध्य प्रदेश में सुबह के नाश्ते में एक खास व्यंजन है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में इसे पोहा-ऊसल, पोहा-दही, पोहा-चाय और पोहा-जलेबी के अलग-अलग जायकों में खाया जाता है.

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AAP नेता आलोक अग्रवाल
AAP नेता आलोक अग्रवाल

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पिछले लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रम की तर्ज पर आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पोहा चौपाल लगाने जा रही है, जिसमें पार्टी विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और आम लोगों से मुलाकात और चर्चा कर अपना चुनावी घोषणा पत्र तैयार करेगी.

MP में पोहे की लोकप्रियता से आया ये विचार

दिल्ली में दो दफा सरकार बना चुकी और उत्तर के राज्यों में बीजेपी, कांग्रेस के बाद तीसरा विकल्प बनने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा, ‘मुझे पोहा चौपाल का विचार इसलिए आया क्योंकि मध्य प्रदेश में दिन की शुरुआत करते हुए नाश्ते में यह व्यंजन बहुत लोकप्रिय है. पिछले साल 10 हजार किलोमीटर की किसान बचाओ यात्रा के दौरान मैंने देखा कि प्रदेश के सभी इलाकों में पोहा आसानी से मिलता है और अमीर-गरीब दोनों तबकों में समान रूप से लोकप्रिय भी है.’

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सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी AAP

पोहा मध्य प्रदेश में सुबह के नाश्ते में एक खास व्यंजन है. प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में इसे पोहा-ऊसल, पोहा-दही, पोहा-चाय और पोहा-जलेबी के अलग-अलग जायकों में खाया जाता है. अग्रवाल ने बताया, ‘आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई इस साल के अंत में होने वाले विधान सभा चुनाव के मिशन-2018 की तैयारियों में जोश-खरोश के साथ जुट गई है. पार्टी प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी.’

ऐसे तैयार किया जाएगा घोषणा पत्र

उन्होंने बताया, ‘13 अप्रैल से मंदसौर जिले की पिपलिया मंडी से प्रदेश भर में किसान बचाओ, बदलाव लाओ यात्रा के दौरान विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में पोहा चौपाल लगाने का कार्यक्रम है. इसमें डॉक्टर, शिक्षक, समाजसेवी और आम लोगों से मुलाकात कर विधान सभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणा पत्र बनाया जाएगा. यात्रा 14 मई तक चलेगी.’

'BJP के कार्यकाल में जनता त्रस्त'

अग्रवाल ने दावा किया कि दिल्ली में AAP ने तमाम विरोधाभासों के बावजूद BJP और कांग्रेस से इतर एक बेहतर, जनकल्याणकारी सरकार दी है. मध्य प्रदेश में जनता BJP के पिछले 14 साल के कार्यकाल में त्रस्त हो चुकी है, उसे कांग्रेस से भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही है, इसलिए AAP को जनता के सामने स्वयं को एक विकल्प के तौर पर पेश करना है और पूरी तैयारी के साथ विधानसभा चुनाव का सामना करना है.’

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जुलाई तक उम्मीदवार तय कर लेगी AAP

उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार सभी मोर्चो पर फेल हो चुकी है और वास्तव में प्रदेश का किसान वर्तमान भाजपा सरकार से बेहद नाराज है और इसे उखाड़ फेंकना चाहता है. उन्होंने कहा कि AAP ने विधानसभा चुनाव की प्रत्याशी चयन प्रक्रिया 11 अप्रैल से शुरू कर दी है और जुलाई तक पार्टी सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लेगी.

अनिश्चितकालीन धरना देने की योजना

अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में जारी ‘किसान बचाओ, बदलाव लाओ’ यात्रा के दौरान प्रदेश के सभी 42 हजार मतदान केंद्रों पर मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस यात्रा के समापन के बाद 14 मई को सभी मतदान केंद्रों के प्रतिनिधि भोपाल में अपनी समस्याओं के साथ पहुंचेंगे. इसके बाद मांगों को पूरा करने के लिए अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.

उम्मीदवार चयन में तीन C का फार्मूला

मध्य प्रदेश, AAP संयोजक ने बताया कि प्रदेश में उम्मीदवार चयन में तीन सी का फार्मूला तय किया गया है. इसके तहत क्राइम, करप्शन और कैरेक्टर जैसे पहलुओं पर गौर किया जाएगा. यानी प्रत्याशी के खिलाफ कोई क्रिमिनल केस न हो, उस पर कोई करप्शन यानी घोटाले का आरोप न हो और उसके कैरेक्टर यानी चरित्र पर कोई दाग न हो.

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