कभी-कभी संत आसाराम सांसारिक समस्याओं का निदान करते हुए खुद ही सवालों में घिर जाते हैं. जबलपुर में प्रवचन देते हुए आसाराम बापू ने दहेज के मामलों पर अपनी राय रखी.
आसाराम बापू ने कहा, 'जब पकड़ा जाता है तो चैनलों में आता है और जब बरी हो जाता है तब नहीं आता, आजकल की कुछ मनचली महिलाएं समझ कर आती हैं कि मैं घर पर आउंगी और मौज करूंगी. अगर साथ देवरानी या प्रतिकूल पड़ा तो वकील से सलाह करके केस कर देती हैं. सबको जेल में डाल दिया जाता है.'
इसमें कोई दो राय नहीं कि कानून का गलत इस्तेमाल भी किया जाता है लेकिन संत आसाराम बापू की जुबान से महिलाओं के लिए ऐसे शब्दों के इस्तेमाल को क्या कहेंगे. प्रवचन के दौरान आसाराम बापू ने डॉक्टरों के पेशे को लेकर एक और टिप्पणी कर डाली.
आसाराम ने कहा, 'ज्यादातर डॉक्टर महिलाओं को गुमराह कर गलत जानकारी देते हैं और गर्भपात करा रहे हैं. इसके पीछे की मंशा भारत की जनसंख्या कम करना है. डॉक्टरों के पास ऐसे कार्यों के लिए विदेशों से अरबों डॉलर आ रहे हैं. डॉक्टर गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी कर यह कह देते हैं कि बच्चे का विकास नहीं हो रहा है या गांठ है, इसे अलग कर दो.
बापू चिकित्सा विज्ञान की बारीकियां कितनी समझते हैं, इस पर हम सवाल नहीं कर रहे. लेकिन जानबूझ कर अबॉर्शन कराए जाने के आरोप को इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने गंभीरता से लिया है. हैरत की बात ये थी कि प्रवचन के दौरान मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी भी मौजूद थे.