क्या मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी को अपना बना लिया है? ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि कमलनाथ सरकार ने स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के तौर पर मनाने का आदेश जारी कर दिया है.
बता दें कि अब तक बीजेपी ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के रूप में मनाती थी. लेकिन अब लग रहा है जैसे कांग्रेस ने बीजेपी से अटल बिहारी वाजपेयी को छीनने की तैयारी कर ली है. सुशासन दिवस से आगे बढ़कर कमलनाथ सरकार ने सुशासन सप्ताह मनाने का ऐलान किया है. आगामी 24 दिसंबर से पूरे मध्य प्रदेश में सुशासन सप्ताह शुरू हो जाएगा. 24 दिसम्बर को प्रदेश के सभी सरकारी में दफ्तरों में कर्मचारी और अधिकारी स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर को सम्मान देते हुए सुशासन की शपथ लेंगे.
वाजपेयी 'दल' नहीं 'दिल' के नेता थे- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने फैसले के बाद बताया कि अटल जी किसी दल के नहीं बल्कि दिल के नेता थे और देश के साथ विश्व में उनकी अपार लोकप्रियता थी. कांग्रेस की परंपरा रही है कि जिस व्यक्ति ने देश के दिलों में स्थान बनाया उसका स्थान दलों से ऊपर है और उसके सिद्धांतों पर चला जाए. मुझे ये स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है कि कांग्रेस सुशासन दिवस और सप्ताह मना रही है. इसका उद्देश्य स्पष्ट है कि देश के विकास के लिए अटल जी के जो आदर्श हैं, हम उसका पालन करेंगे.
शिवराज-मोदी का अनुसरण भी करे कांग्रेस
सुशासन दिवस के आदेश पर सूबे के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि ये बदलती कांग्रेस नहीं बल्कि ये यथार्थ पर आई हुई कांग्रेस है. सारंग ने कहा कि अगर इस देश में सही शासन करना है तो भारतीय जनता पार्टी की सरकारों का अनुसरण करना होगा. कांग्रेस को अटल बिहारी वाजपेयी जी के साथ साथ शिवराज सिंह चौहान और मोदी सरकार का भी अनुसरण करना होगा तभी सुशासन स्थापित होगा.
फैसले के मुताबिक 24 से शुरू होकर 30 दिसम्बर तक सुशासन सप्ताह मनाया जाएगा. 24 दिसंबर को अधिकारी -कर्मचारी सुशासन की शपथ लेंगे. भोपाल में मंत्रालय के सामने पार्क में 11 बजे अधिकारियों और कर्मचारियों को सुशासन की शपथ दिलाई जाएगी.
बीजेपी पर उसी के हथियार से वार!
कांग्रेस बीजेपी पर यह आरोप लगाती रही है कि वह उसके महापुरुषों को हड़प रही है. सरदार पटेल को कांग्रेस ने अपना नेता बताया था, लेकिन बीजेपी का कहना था कि पटेल किस एक पार्टी की धरोहर नहीं हैं. उन पर सभी का समान अधिकार है. कांग्रेस के संकल्प पत्र में गोशाला बनाने की बात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.