मध्य प्रदेश मंत्री पद खोने के बाद से ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और एमपी के पूर्व गृहमंत्री बाबू लाल गौर लगातार शिवराज सरकार को घेरते हुए सीधे हमले कर रहे हैं. यहां तक की विधानसभा के मानसून सत्र में भी वो कई मसलों पर सरकार पर निशाना साध रहे हैं. सोमवार को भी विधानसभा में बाबूलाल गौर ने राज्य सरकार के कामकाज को लेकर तीखी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सरकार की आर्थिक हालत खराब है लेकिन वो फिजूलखर्ची में लगी है.
'कर्जा लेकर घी पी रही है सरकार'
शिवराज सरकार को बजट पर घेरते हुए बाबूलाल गौर ने कहा कि सरकार कर्ज लेकर घी पी रही है. गौर ने सरकार की फिजूल खर्ची पर भी तल्ख टिप्पणी की और कहा कि सरकार 16 करोड़ रुपए की गाड़ी खरीद रही है जो जरूरी नहीं. उन्होंने अनुपूरक बजट के प्रावधानों को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इस साल जितना कुल बजट (लगभग 1 लाख 50 हजार करोड़ रु.) का प्रस्ताव सरकार लेकर आ रही है उसके बराबर तो प्रदेश पर कर्ज हो गया है. प्रदेश की आर्थिक हालत बहुत खराब है.
वित्त मंत्री ने साधी चुप्पी
जब बीजेपी के विधायक ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा तो पार्टी के पास इसका कोई जवाब नहीं मिला. गौर के तीखे बयानों पर जब प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से ही इनकार कर दिया.
मंत्री पद से हटने के बाद से हमलावर हैं गौर
आपको बता दें कि मंत्री पद से हटने के बाद से ही बाबूलाल गौर लगातार शिवराज सरकार पर हमला कर रहे हैं. इसी विधानसभा सत्र में गौर तीन बार शिवराज सरकार पर सीधा हमला कर चुके हैं. निकाय चुनाव में बीजेपी को मिली हार को जनता का मत कहना हो या फिर सरकार पर मिट्टी मिला सड़ा गेहूं बांटने का आरोप लगाना हो, गौर ने किसी की परवाह नहीं की. राज्य के दो बड़े शहरों में मेट्रो को लाने में हो रही देरी पर भी उन्होंने सरकार पर कटाक्ष किया था और कहा था कि यदि वो नगरीय प्रशासन मंत्री रहते तो अब तक भोपाल और इंदौर में मेट्रो चलवा देते.