गरबा में मुसलमानों की एंट्री का मामला गरमाता जा रहा है. भोपाल में हिन्दू उत्सव समिति ने गरबा में मुस्लिम नौजवानों के अकेले आने पर रोक लगा दी है. वहीं, इंदौर प्रशासन ने बिना फोटो आईडी के गरबा पंडालों में पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.
समिति ने फरमान में कहा है कि अगर कोई भी मुसलमान गरबा के पंडालों में आना चाहता है तो उसे अपने साथ मां, बहन या पत्नी को लाना होगा. वहीं, इंदौर के स्थानीय प्रशासन ने गरबा के आयोजकों को निर्देश दिया है कि वो फोटो आईडी देखने के बाद ही युवकों को पंडाल में घुसने की इजाजत दें.
इधर, गरबा मंडलों में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक की मांग करने वाली इंदौर की विधायक उषा ठाकुर ने फिर विवादास्पद बयान दिया है. ठाकुर ने कहा है कि जब मुसलमानों को वंदे मातरम गाने में आपत्ति है तो फिर वो गरबों में मां दुर्गा की परिक्रमा कैसे कर सकते हैं?
ठाकुर ने यह भी कहा है कि मुस्लिमों की वजह से ‘वंदे मातरम्...’ आधा ही गाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इसमें मां दुर्गा का नाम भी आता है, लेकिन अल्पसंख्यक भाइयों का मन न दुखे इसलिए दो ही छंद गाए जाते हैं, जबकि उसमें पांच छंद हैं.
ठाकुर ने कहा, 'जब उनको वंदे मातरम गाने में आपत्ति है तो साक्षात मां दुर्गा की प्रतिमा के आसपास गरबा कैसे कर सकते हैं? यदि अल्पसंख्यक गरबे में आना चाहें तो परिवार से मां, बहन या पत्नी को साथ लेकर आएं. उषा पहले भी ऐसे बयान देती रही हैं.