मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के अफसरों ने बिजली को लेकर बेहद अजीबोगरीब बयान दिया है. उन्होंने बिजली की कटौती के लिए चमगादड़ों को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है. आपको बता दें कि भीषण गर्मी में मध्य प्रदेश के लोगों को बिजली की कटौती से जूझना पड़ रहा है. इसको लेकर कमलनाथ सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं.
इससे पहले कमलनाथ सरकार ने बिजली की कटौती के लिए शिवराज सरकार में खरीदे गए खराब ट्रांसफार्मरों को जिम्मेदार बताया गया था. अब कमलनाथ सरकार के अधिकारियों ने अपनी नाकामी को छिपाने को बिजली कटौती के लिए पेड़ों में लटकने वाले चमगादड़ोंं को जिम्मेदार बता रहे हैं.
बिजली संकट से परेशान होकर जब ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने बिजली विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई, तो बिजली विभाग के अफसरों ने बताया कि चमगादड़ बिजली के तारों पर उल्टा लटकते है, जिसकी वजह से बिजली के तार आपस में चिपक जाते है और फॉल्ट हो जाते हैं. अधिकारियों की ये बात न आम लोगों के गले नहीं उतर रही है और न ही उनके मंत्रालय के मंत्री प्रियव्रत सिंह के.
आजतक से बातचीत में ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा, 'जब बिजली विभाग के अफसरों ने बैठक में बताया कि पुराने भोपाल में चमगादड़ बड़ी संख्या में रहते हैं, जिनसे बिजली के तारों में कई बार फॉल्ट आ जाते हैं. बतौर ऊर्जा मंत्री उन्होंने अफसरों से कहा कि वो चमगादड़ों को बिजली के तारों से दूर रखने के लिए अल्ट्रासोनिक डिवाइस लगाने पर विचार करें, लेकिन इससे पहले ट्रांसफॉर्मर पर पड़ने वाले लोड को भी कम करें. साथ ही तारों को इन्सुलेट करें.
उन्होंने ये भी कहा कि बिजली की समस्या को लेकर बुलाई गई बैठक में अधिकारियों ने जो बताया मैंने उस पर यकीन नहीं किया. आपको बता दें कि कमलनाथ से पहले पिछले 15 साल से मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी. इस दौरान बिजली की इतनी गंभीर समस्या देखने को नहीं मिली थी. ऐसे में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में अचानक बिजली संकट बढ़ने की वजह से अधिकारी इस समस्या के पीछे की असली वजह का पता नहीं लगा पा रहे है और नए-नए तर्क देकर बचने की कोशिश कर रहे हैं.
वहीं, आजतक से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'पहले कांग्रेस सरकार बोल रही थी कि शिवराज सिंह चौहान ने घटिया ट्रांसफॉर्मर खरीदे और अब बोल रही है कि चमगादड़ की वजह से बिजली कट रही है. इनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है.'
आपको बता दें कि अघोषित बिजली कटौती कमलनाथ सरकार के लिए सिरदर्द बन गई है. अभी के हालात सियासत के उस दौर को याद दिलाते है, जब 2003 में कांग्रेस की सरकार थी और बिजली एक बड़ा मुद्दा बनकर कांग्रेस सरकार को ऐसे उखाड़ फेंका था कि 15 साल तक कांग्रेस सत्ता में नहीं आ पाई और अब कांग्रेस के फिर से सत्ता में आते ही बिजली की समस्या पैदा हो गई है.