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मैनिट भोपाल में छात्राओं के मिनी स्कर्ट पहनने पर लगा बैन, कैंपस में प्रदर्शन

भोपाल ने मैनिट कॉलेज की छात्राओं ने प्रशासन की तरफ से लागू किए गए नए नियमों के खिलाफ शुक्रवार को जमकर प्रदर्शन किया. ताजा फरमान में लड़कियों को छोटे कपड़े पहनने और रात 9.30 बजे से पहले हॉस्टल पंहुचने का आदेश दिया गया था.

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मैनिट ने लागू किए थे छात्राओं ने लिए नए नियम
मैनिट ने लागू किए थे छात्राओं ने लिए नए नियम

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भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) की छात्राओं ने शुक्रवार को परिसर में जमकर प्रदर्शन किया और प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. छात्राओं ने हॉस्टल की टाइमिंग के बदलने साथ ही में ड्रैसकोड लागू किए जाने के फैसले को प्रबंधन की मनमानी बताया.

छोटे कपड़े पहनने पर लगाई गई रोक
प्रदर्शन कर रही छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रबंधन ने तुगलकी आदेश जारी करते हुए ड्रेसकोड लागू किया है. छात्राओं की मानें तो कुछ दिन पहले उन्हें एक नोटिस मिला जिस पर लिखा है हॉस्टल में लड़कियां सिर्फ अपने कमरे में ही शॉर्ट्स और मिनी स्कर्ट पहनें. कमरे के बाहर ऐसे कपड़ों के पहनने पर रोक लगाई गई है. यही नहीं, नए नियम के तहत छात्राओं के लिए कैंपस, डाइनिंग एरिया और गर्ल्स हॉस्टल के ऑफिस में छोटे कपड़े पहनने पर पाबंदी लगाई गई है.

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साढ़े 9 बजे से पहले हॉस्टल पहुंचने का आदेश
नए बनाए गए नियमों में साफ लिखा है कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों को रात में साढ़े नौ बजे के बाद हॉस्टल में एंट्री नहीं दी जाएगी. यानि हर हाल में लड़कियों को साढ़े 9 बजे तक हॉस्टल वापस आना होगा. छात्राएं इसका भी विरोध कर रही हैं क्योंकि उनके मुताबिक उनमें से कई कोचिंग जाती हैं और वापस हॉस्टल आते-आते कई बार 10 बज जाते हैं. ऐसे में यह आदेश उनके लिए एक बड़ी परेशानी है.

नियमों की व्यवहारिकता पर हो विचार
वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश के राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि किसी भी फैसले को लागू करने से पहले उसकी व्यवहारिकता के बारे में सोच लेना चाहिए. गुप्ता ने कहा कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों के हॉस्टल आने के टाइम पर एक बार फिर से विचार होना चाहिए और जो लड़कियां बाहर कोचिंग के लिए जाती हैं उन्हे थोड़ी छूट देनी चाहिए. हालांकि मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा है कि अनुशासन के लिए थोड़ी कठोरता भी होनी चाहिए.

फीस बढ़ाने पर भी बवाल
मैनिट में ड्रैस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग में बवाल के बाद अब पीएचडी स्कॉलर्स ने फीस बढ़ोतरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल पीएचडी कर रहे छात्रों का कहना है कि अभी तक पीएचडी के थीसिस जमा करने के लिए जहां 4 हजार रुपए लगते हैं, वहीं अब प्रबंधन ने इसके लिए फीस बढ़ा दी. छात्रों के मुताबिक अब इसके लिए उन्हे 4 हजार की बजाय 40 हजार रुपए जमा करने को कहा जा रहा है. इसके विरोध में छात्रों ने शुक्रवार को मैनिट परिसर में प्रदर्शन और नारेबाजी की.

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HRD मंत्रालय ने नहीं दिया कोई आदेश
छात्रों का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय से किसी भी तरह का कोई आदेश अभी तक फीस बढ़ातरी के लिए जारी नहीं हुआ है तो भोपाल मैनिट में क्यों फीस बढ़ाने की कोशिश हो रही है. छात्रों ने कहा है कि वो इस कदम का विरोध करेंगे और जरूरत पड़ी तो हड़ताल पर भी जाएंगे.

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