scorecardresearch
 

भोपाल और इंदौर में जल्द दौड़ेगी मेट्रो, MoU पर हुए दस्तखत

भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हो गए हैं. इस दौरान केन्द्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मध्य प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह की उपस्थिति रहे.

Advertisement
X
भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए MoU पर हुए दस्तखत
भोपाल और इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए MoU पर हुए दस्तखत

Advertisement

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और सूबे की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर ने जल्द मेट्रो दौड़ने की ओर एक कदम और आगे बढ़ा दिया है. सोमवार को नई दिल्ली में भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अलावा मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए.

ये हस्ताक्षर केन्द्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मध्य प्रदेश के नगरीय विकास और आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह की उपस्थिति में किए गए. मध्य प्रदेश सरकार की कोशिश है कि दोनों शहरों में साल 2023 तक मेट्रो सेवा शुरू कर दी जाए.

आपको बता दें कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे. एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक जाएगा. इस कॉरिडोर की लंबाई 14.99 किलोमीटर होगी. वहीं दूसरा कॉरिडोर भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक जाएगा, जो करीब 12.88 किलोमीटर लंबा होगा. भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 6,941 करोड़ 40 लाख रुपये होगी.

Advertisement

इंदौर में 31 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर

मिनी मुंबई कही जाने वाली मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी. ये कॉरिडोर बंगाली चौराहे से विजयनगर, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगी. इस परियोजना की कुल लागत करीब 7,500 करोड़ 80 लाख रुपये आएगी. आपको बता दें कि भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट को मोदी सरकार की कैबिनेट में लोकसभा चुनावों से पहले ही स्वीकृति दी जा चुकी है.

भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाएगा. यह भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की 50-50 हिस्सेदारी वाली ज्वाइंट वेंचर कंपनी होगी. कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में कार्य करेगी. कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा, जिसमें 10 डायरेक्टर होंगे. भारत सरकार बोर्ड के चेयरमेन सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी, जबकि प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी.

Advertisement
Advertisement