कोरोना वायरस की महामारी से जंग में मध्य प्रदेश सरकार ने लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक काढ़ा बांटने की शुरुआत की थी. सरकार की ओर से विधानसभा में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी गई है कि कोरोना काल में करीब 30 करोड़ रुपये से अधिक का काढ़ा लोगों में बांटा गया है. विपक्षी कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है. वहीं भाजपा ने पूछा है लोगों के स्वास्थ्य पर किए गए खर्च को कांग्रेस गलत कैसे ठहरा सकती है.
कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष और कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने विधानसभा में सवाल पूछा था कि नवंबर 2020 तक मध्य प्रदेश सरकार ने काढ़ा बनाने और उसे बांटने पर कितना खर्च किया है. पटवारी ने यह भी पूछा था कि नवंबर 2020 तक काढ़ा के कितने पैकेट प्रदेश में बांटे गए हैं और उसमें कितना काढ़ा था.
कांग्रेस विधायक पटवारी के सवाल का जवाब देते हुए आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर कावरे ने विधानसभा में बताया कि नवंबर 2020 तक मध्य प्रदेश सरकार ने 30 करोड़ 64 लाख 48 हजार 308 रुपये का काढ़ा बांटा है. इस दौरान 50 ग्राम काढ़े के करीब 6 करोड़ 3 लाख 94 हजार पैकैट बांटे गए हैं. कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने इस संबंध में आजतक से बात करते हुए सवाल उठाए.
पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश की आबादी ही साढ़े सात करोड़ है और सरकार कह रही है कि उसने 6 करोड़ लोगों को काढ़ा बांटा. यह कैसे संभव है? ऊपर से काढ़ा बनाने और बांटने पर 30 करोड़ खर्च हुए हैं, इसकी जांच होनी चाहिए. वहीं, कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी की ओर से लगाए गए आरोपों को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सिरे से खारिज कर दिया.
आजतक से बात करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उल्टे कांग्रेस को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य पर हुए खर्चे को लेकर कांग्रेस जैसी पार्टी ही सवाल खड़े कर सकती है. सच तो यह है कि लोगों की जान बचाने के लिए 30 करोड़ क्या 300 करोड़ भी खर्च करने होते तो हमारी सरकार करती. उन्होंने कहा कि अगर मध्य प्रदेश में मृत्यु दर कम रही है तो हो सकता है इसकी बड़ी वजह हमारी सरकार द्वारा बांटा गया काढ़ा ही हो.