मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को एक महीना पूरा हो चुका है. इसके साथ ही कमलनाथ सरकार ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जांच के आदेश दिए हैं. प्रदेश सरकार ने जांच लिए तीन सदस्यों की समिति बनाई है, जो साल 2003 यानी जब से मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी थी, तबसे लेकर अब तक हुई नियुक्तियों में भर्ती प्रक्रिया की जांच करेगी और गड़बड़ी पाए जाने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी.
इसके अलावा जांच समिति ये भी देखेगी कि विश्वविद्यालय का पाठ्यक्रम और शैक्षणिक प्रणाली/सामग्री में क्या किसी एक विचारधारा विशेष के पक्ष में बदलाव किए गए. आपको बता दें कि कांग्रेस कई मौकों पर पहले भी बीजेपी पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के भगवाकरण करने के आरोप लगाती रही है.
इसके अलावा ये समिति साल 2003 के बाद से विश्वविद्यालय द्वारा यूजीसी के मापदण्डों के उल्लंघन की मिली शिकायतों के साथ इस बात की भी जांच करेगी कि क्या इस दौरान कुछ व्यक्ति विशेष या समूहों विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए गैरजरूरी कामों पर खर्च तो नहीं किया गया.
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जांच के लिए राज्य शासन ने जो समिति बनाई है, उसकी अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव जनसंपर्क एम. गोपाल रेड्डी करेंगे.
एमसीयू की जांच करने वाली समिति में मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी भूपेंद्र गुप्ता और विंध्याचल डेरी ग्राम गोरा, भोपाल के संदीप दीक्षित होंगे. समिति 15 दिनों में शासन को रिपोर्ट सौंपेगी.
वहीं भारतीय जनता पार्टी ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय की जांच के लिए बनाई गई समिति पर सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि बदलाव का नारा देने वाली कांग्रेस ने सरकार बनते ही बदले की भावना से काम शुरू कर दिया है.