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MP: 10वीं की टॉपर वनिशा को मिली राहत, लोन की रिकवरी के लिए LIC ने निकाला ये रास्ता

माता-पिता की कोरोना से मौत के बाद शिवराज सरकार की ओर से वनिशा को दो लाख रुपये मिले थे. साथ ही राज्य सरकार फिलहाल वनिशा और उनके भाई के खर्च के लिए हर महीने 5 हजार रुपये देती है. शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद घोषणा की थी कि जिस बच्चे या बच्ची के माता-पिता की कोरोना से मौत हो गई है, उनके लिया उनका मामा (शिवराज सिंह चौहान) है.

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वनिशा पाठक. फाइल फोटो
वनिशा पाठक. फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • वनिशा को शिवराज सरकार की ओर से मिले थे दो लाख रुपये
  • फरवरी 2022 में मिला था 29 लाख रुपये रिकवरी का नोटिस

भोपाल में दसवीं बोर्ड की टॉपर वनिशा पाठक को एलआईसी की ओर से राहत मिल गई है. दरअसल, वनिशा के माता-पिता की कोरोना की दूसरी लहर में मौत हो गई थी. वनिशा के पिता एलआईसी एजेंट थे. उन्होंने ऑफिस से होम लोन लिया था, लेकिन मई 2021 में वंशिका की मां और पिता दोनों कोरोना से जंग हार गए. जो होम लोन वनिशा के पिता ने लिया था उसकी किश्त नहीं दी जा सकी. साथ ही एलआईसी ने वनिशा के पिता की सारी बचत और हर महीने मिलने वाले कमीशन को भी रोक दिया, जिससे वनिशा परेशान थी. लेकिन अब एलआईसी के विकास अधिकारी संजय बर्नवाल ने कहा है कि नोटिस को ब्लॉक कर दिया गया है. उसके बालिग होने तक उसे नोटिस नहीं मिलेगा.

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दरअसल, लोन रिकवरी नोटिस के बार-बार मिलने से वनिशा पाठक परेशान हो गई थी. उन्होंने बताया कि कोरोना से माता-पिता की मौत के बावजूद उन्होंने दसवीं बोर्ड में 99 फीसदी मार्क्स लाकर टॉप किया था. 11वीं में भी वनिशा ने 97 फीसदी अंक हासिल किए. वनिशा आईआईटी जाने के लिए जेईई परीक्षा की तैयारी कर रही है.  लेकिन इसी बीच उसके पिता के बकाया लोन का एक नोटिस झटके के रूप में आया जिसने इस नाबालिग टॉपर को परेशान कर दिया था. 

फरवरी 2022 में मिला था 29 लाख रुपये रिकवरी का नोटिस

पढ़ाई के बीच वनिशा को तब झटका तब लगा था जब फरवरी 2022 में होम लोन के ब्याज समेत 29 लाख 29 हजार रुपये का नोटिस मिला था. इसके बाद वनिशा ने एलआईसी को पत्र लिखा था और उन्हें वास्तविकता से अवगत कराया था. वनिशा ने लिखा था कि वो अभी नाबालिग है. अगले साल बालिग होगी तबतक उन्हें किश्त चुकाने का समय दिया जाए. पिता की पॉलिसी का क्लेम और मासिक कमीशन रुके होने की वजह से सभी आर्थिक और वित्तीय आय स्रोत बंद हो चुके हैं. 

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वनिशा के मुताबिक उसके पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं है, ऐसे में वह लोन तभी चुका सकेगी जब वह 18 साल की हो जाए. इसके अलावा लोन पर लिया जा रहा ब्याज माफ किया जाए. फिलहाल, वनिशा अपने छोटे भाई के साथ अपने मामा के परिवार के साथ रहती है. 

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