मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव टल सकते हैं. दरअसल रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई, जिसमें कैबिनेट ने अपने ही अध्यादेश को वापस ले लिया है. साथ ही प्रस्ताव को मंजूरी के लिए इसे राज्यपाल के पास भेज दिया है.
अब राज्यपाल छगनभाई मंगूभाई पटेल प्रस्ताव पर मुहर लगाने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव निरस्तीकरण के निर्देश दे सकते हैं. दरअसल, सरकार के जिस अध्यादेश के तहत चुनाव आयोग मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव करवा रहा था, कैबिनेट ने रविवार को उस प्रस्ताव को वापस ले लिया है.
राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अध्यादेश स्वतः निरस्त हो जाएगा और राज्य निर्वाचन आयोग के पास चुनाव टालने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा.
ओबीसी आरक्षण पर चल रहे सियासी घमासान को देखते हुए शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव को टालने का फैसला लिया है. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही विधानसभा में संकल्प पारित करवा चुके हैं. इसके तहत बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होगा. हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है जिसपर जनवरी 2022 में सुनवाई होनी है.