कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने के बाद कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कई महीनों से बीजेपी में जाने की रणनीति बना रहे थे. दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा की सीट भी ऑफर की थी.
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'हमने उन्हें राज्यसभा की सीट ऑफर की थी, हम इससे ज्यादा भी कुछ करने वाले थे. उन्हें इस बात का जनता के सामने खंडन करने दो. ज्योतिरादित्य कई महीनों से कांग्रेस पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे थे.'
दिग्विजय सिंह से जब आज तक ने सवाल पूछा कि क्या कमलनाथ इस्तीफा देने जा रहे हैं तो इसके जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट कराएंगे. इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता है.
दरअसल 2018 में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद से ही ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से बहुत खुश नहीं थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मान रहे थे लेकिन मुख्यमंत्री बने कमलनाथ.
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले से वे कभी खुश नजर नहीं आए, हालांकि उन्हें पार्टी में लगातार बड़ी जिम्मेदारियां मिलती रहीं. लोकसभा चुनाव में उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान दी गई, वहीं महाराष्ट्र के चुनावों में भी उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई. इस दौरान भी ज्योतिरादित्य सिंधिया कमलनाथ सरकार से नाराज ही नजर आते रहे.
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कैसे बढ़ी मध्य प्रदेश कांग्रेस में तकरार?
दोनों नेताओं के बीच वचनपत्र के वादों को न पूरा कर पाने पर विवाद बढ़ता गया, और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराजगी भी. कई ऐसी खबरें सामने आईं कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनसे मिलने तक को तैयार नहीं है. स्थानीय प्रशासन के लोग उनकी बातें तक नहीं सुन रहे हैं. उनके लोगों की सिफारिशें नहीं सुनी जा रही हैं.
विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया फिर जेपी नड्डा की मौजूदगी में बुधवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का हाथ थाम लिया.
सोचा नहीं था कि सिंधिया छोड़ेंगे कांग्रेस!
दिग्विजय सिंह ने बुधवार को यह भी कहा था कि हमने कभी सोचा नहीं था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ेंगे. यह एक बड़ी गलती है. दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को डिप्टी सीएम का पोस्ट भी ऑफर किया गया था. उन्हें कांग्रेस से राज्यसभा भी भेजा जा सकता था लेकिन वे इतने महत्वाकांक्षी नेता हैं कि उनकी महत्वाकांक्षा केवल नरेंद्र मोदी और अमित शाह ही पूरा कर सकते हैं.
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कमलनाथ सरकार पर संकट!
ज्योतिरादित्य सिंधिया अब कांग्रेस से अलग हो चुके हैं. सिंधिया परिवार के उत्तराधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उनके साथ ही मध्य प्रदेश में 22 कांग्रेस विधायकों ने अपना पद छोड़ दिया है. जिसके बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में नजर आ रही है. माना जा रहा है कि कमलनाथ सरकार गिर सकती है.