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बैट कांड: कैलाश विजयवर्गीय ने बेटे आकाश और अधिकारी को बताया कच्चा खिलाड़ी

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने विधायक बेटे आकाश को कच्चा खिलाड़ी बताया है. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.

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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (मध्य में) (फाइल फोटो- IANS)
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (मध्य में) (फाइल फोटो- IANS)

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निगमकर्मी पिटाई मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने विधायक बेटे आकाश को कच्चा खिलाड़ी बताया है. कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मुझे लगता है आकाश और नगर निगम के कमिश्नर दोनों पक्ष कच्चे खिलाड़ी हैं. यह एक बड़ा मुद्दा नहीं था, लेकिन इसे बहुत बड़ा बना दिया गया.

बता दें कि 26 जून को बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर में एक जर्जर मकान को तोड़ने आए नगर निगम के अमले की कार्रवाई पर भड़क गए. उन्होंने क्रिकेट के बल्ले से नगर निगम के एक अफसरों की पिटाई कर दी. इसके बाद उन्हें इस मामले में जेल जाना पड़ा. रविवार को आकाश जमानत पर रिहा हुए हैं.

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे लगता है कि अधिकारियों को अहंकारी नहीं होना चाहिए, उन्हें जनप्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए. मैंने इसकी कमी देखी है. दोनों को समझना चाहिए, ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो.

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बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मैं पार्षद, मेयर और विभागीय मंत्री रहा हूं. हम बारिश के दौरान किसी भी आवासीय भवन को ध्वस्त नहीं करते हैं. मुझे नहीं पता कि सरकार ने इस मामले में कोई आदेश जारी किया था, अगर ऐसा हुआ है, तो यह उनकी ओर से गलती है.

इंदौर नगर निगम पर निशाना साधते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर कोई बिल्डिंग गिराई गई, तो उसके निवासियों के लिए एक 'धर्मशाला' में रहने की व्यवस्था की जाती है. नगर निगम ने इस मामलों को ठीक से नहीं सम्भाला. मौके पर महिला स्टाफ और महिला पुलिस होनी चाहिए थी. यह अपरिपक्व कदम था. ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए.

क्या है मामला

इंदौर में नगर निगम का दल गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर मकान को गिराने पहुंचा था. इसकी सूचना मिलने पर विधायक आकाश विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे, जहां उनकी नगर निगम के अमले से बहस हो गई. तभी आकाश विजयवर्गीय क्रिकेट का बल्ला लेकर नगर निगम के अधिकारियों से भिड़ गए. विजयवर्गीय ने बल्ले से अफसरों की पिटाई भी की. इसके बाद आकाश विजयवर्गीय को जेल जाना पड़ा. रविवार को कोर्ट से जमानत मिलने के बाद आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा हुए.  

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