बीजेपी नेताओं के दलितों के घर खाना खाने के मामले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बिल्कुल अलग रुख अख्तियार किया है. दलितों के घर खाने की शुरुआत बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने की थी. अब इस कड़ी में योगी सरकार के मंत्री भी दलितों का दिल जीतने उनके घरों में जाकर भोजन कर रहे हैं और गांव में रात्रि विश्राम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद भी प्रतापगढ़ और अमरोहा में दलित के घर जाकर खाना खाया था. केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने इस पर सवाल उठाया है.
उमा भारती ने कहा कि हम भगवान राम नहीं हैं कि दलितों के साथ भोजन करेंगे, तो वो पवित्र हो जाएंगे. जब दलित हमारे घर आकर साथ बैठकर भोजन करेंगे, तब हम पवित्र हो पाएंगे. दलित को जब मैं अपने घर अपने हाथों से खाना परोसूंगी तब मेरा घर धन्य हो जाएगा.
Hum Bhagwan Ram nahi hain ki Daliton ke saath bhojan karenge toh ve pavitra ho jayenge.Jab Dalit hamare ghar aakar saath baithkar bhojan karenge tab hum pavitra ho payenge.Dalit ko jab main apne ghar mein apne haathon se khaana parosungi tab mera ghar dhanya ho jayega: Uma Bharti pic.twitter.com/El34cyFq3y
— ANI (@ANI) May 2, 2018
उमा भारती मध्यप्रदेश के छतरपुर के नौगांव के ददरी गांव में संत रविदास के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंची थीं. इस दौरान धार्मिक आयोजन के साथ सामाजिक समरसता भोज का आयोजन भी किया गया था.
मुझे हरशू महाराज ने बताया कि अब कार्यक्रम के बाद में सामाजिक समरसता भोज भी है जिसकी जानकारी मुझे पहले थी ही नहीं। मुझे ढ़ाई बजे तक पपौरा, जिला टीकमगढ़, मध्यप्रदेश पहुंचना था जो कि यहां से 150 km दूर है तथा श्री विद्यासागर महाराज के दर्शन करने थे,
— Uma Bharti (@umasribharti) May 1, 2018
उमा भारती ने लिखा कि मंच के पीछे खड़े पत्रकारों ने मुझसे पूछा कि आप दलितों के साथ भोजन नहीं करना चाहतीं? मैं दंग रह गई और साथ ही यह रहस्य भी खुल गया कि ऐसी बात भी बनाई जा सकती है.
वो जमाना चला गया जब दलितों के घर में बैठकर भोजन करना सामाजिक समरसता का सूत्र था। अब तो राजनीति में जो दलितों और पिछड़ों के साथ भेदभाव होता है, उसमें सामाजिक समरसता लानी पड़ेगी।
— Uma Bharti (@umasribharti) May 1, 2018
दूसरे ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं दलित वर्गों के लोगों को अपने घर में, अपने साथ डाइनिंग टेबल पर बिठाकर भोजन करती हूं और मेरे परिवार के सदस्य उन्हें भोजन परोसते हैं. इसी से मेरा घर धन्य हो जाता है और हम पवित्र होते हैं.