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MP: 'मिस सोशल' करेंगी BJP का चुनाव प्रचार, एग्जाम से होगा सलेक्शन

भोपाल के डीआईजी बंगले इलाके के सेंटर की संचालिका ज्योति वाधवानी के मुताबिक शनिवार को भोपाल में कुल 4 केंद्रों पर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें 17 से 30 साल तक की करीब 500 लड़कियों ने भाग लिया.

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मिश सोशल की परीक्षा
मिश सोशल की परीक्षा

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मध्य प्रदेश में भाजपा पिछले 15 सालों से सत्ता पर काबिज है. इस बार चौका लगाने के इरादे से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार ऐसी युवतियों की जरूरत हैं जो सोशल मीडिया पर शिवराज सरकार का प्रचार करें. इसलिए भोपाल में शनिवार को बीजेपी की महिला मोर्चा सोशल मीडिया सेल ने "मिस सोशल" प्रतियोगिता का आयोजन किया.

"मिस सोशल" प्रतियोगिता की कॉर्डिनेटर राखी सिंगारे ने बताया, "नई जनरेशन सोशल मीडिया पर बहुत एक्टिव है. अगर वह पार्टी की विचारधारा से जुड़ेगी तो भारतीय जनता पार्टी को इसका फायदा मिलेगा. इस प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश सरकार की योजनाओं और राज्य से संबंधित सवाल भी पूछे ही गए. 

भोपाल के डीआईजी बंगले इलाके के सेंटर की संचालिका ज्योति वाधवानी के मुताबिक शनिवार को भोपाल में कुल 4 सेंटरों पर इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें 17 से 30 साल तक की करीब 500 लड़कियों ने भाग लिया. प्रतियोगिता में उन्हीं लोगों ने हिस्सा लिया जिनके पास फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम पर अकाउंट था. प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आई लड़कियों ने भी माना कि इनमें से कई योजनाएं ऐसी थीं जिनके बारे में उन्हें जानकारी पहले नहीं थी.

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परीक्षा देने आई तानिया ने बताया, "इस पेपर में ऐसी बहुत सारी योजनाएं हैं जिनकी मुझे जानकारी नहीं थी. अब मैं आगे और इसके बारे में सर्च करूंगी जो प्रधानमंत्री और सीएम ने शुरू की है." वहीं पूजा नाम की एक दूसरी युवती ने भी माना कि पहले उसे ज़्यादा पता नहीं था, लेकिन इस पेपर से पता चला कि महिलाओं और युवतियों के लिए सरकार ने क्या-क्या काम किए हैं.

कांग्रेस ने बताया शिगूफा

चुनाव से ठीक पहले मिस सोशल प्रतियोगिता को कांग्रेस ने चुनावी शिगूफा बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा ने कहा कि इससे पहले मामा बनकर शिवराज सिंह चौहान लड़कियों और महिलाओं के वोट हासिल किए हैं. अब वह मिस सोशल करा रहे हैं, लेकिन जिस मामा के राज में बच्चियों पर अत्याचार हो रहे हैं वो इस बार उनके साथ नहीं जाएंगी.

एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश महिला से रेप मामलों में बीते 2 सालों से पहले पायदान पर है. ऐसे में देखना होगा कि इस "मिस सोशल" प्रतियोगिता के ज़रिए बीजेपी सरकार के उपर लगे इस दाग को धो पाने के साथ ही चुनाव में युवतियों और महिलाओं का भरोसा जीत पाने में कामयाब हो पाती है या नहीं.

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