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MLA प्रहलाद लोधी की अयोग्यता: फैसले पर रोक के खिलाफ SC जाएगी कमलनाथ सरकार

भोपाल में पिछले महीने जनप्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट ने लोधी को पब्लिक सर्वेंट पर हमले से जुड़े मामले में दोषी ठहराया था. ये हमला उस वक्त हुआ था जब अवैध खनन को अधिकारियों की ओर से रुकवाने की कार्रवाई की जा रही थी.

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बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी
बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी

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  • पब्लिक सर्वेंट पर हमले से जुड़े मामले में ठहराया गया था दोषी
  • मध्य प्रदेश सरकार SC का दरवाजा खटखटा सकती है दरवाजा

मध्य प्रदेश में पवई से बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी की आपराधिक मामले में दोषसिद्धि और फिर विधानसभा से अयोग्य ठहराने के फैसले पर रोक के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की एक सदस्यीय बेंच ने ये रोक लगाई थी.

क्या है पूरा मामला?

भोपाल में पिछले महीने जनप्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट ने लोधी को पब्लिक सर्वेंट पर हमले से जुड़े मामले में दोषी ठहराया था. ये हमला उस वक्त हुआ था जब अवैध खनन को अधिकारियों की ओर से रुकवाने की कार्रवाई की जा रही थी.

लोधी को 2 साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद विधानसभा के स्पीकर ने अधिसूचना के जरिए लोधी को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया. स्पीकर ने इसके लिए लिली थॉमस केस में सुप्रीम कोर्ट के 2013 के आदेश का हवाला दिया.  

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लोधी ने अपनी सजा और फिर विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट की एक सदस्यीय बेंच ने दोनों फैसलों पर रोक लगा दी.

इसके बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी ने लोधी को अयोग्य ठहराने संबंधी स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाया. बीजेपी ने साथ ही मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को याचिका भेज कर स्पीकर के फैसले को रद्द करने की मांग की.

सुप्रीम कोर्ट में दी जाएगी चुनौती

राज्य सरकार के एक वरिष्ठ विधि अधिकारी के मुताबिक हाईकोर्ट की ओर से लोधी की सज़ा और अयोग्य करार दिए जाने पर रोक लगाए जाने को विशेष अनुमति याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.  

बता दें कि 2018 में 230 सदस्यीय राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीट पर जीत हासिल की थी. बीजेपी को 109 सीट पर कामयाबी मिली. बाद में बीजेपी की सीट संख्या घटकर 108 रह गई. झाबुआ उपचुनाव में जीत मिलने से कांग्रेस की सीट संख्या 115 तक पहुंच गई.  

लोधी को विधानसभा से अयोग्य करार दिए जाने के बाद बीजेपी की सीट संख्या 107 हो गई. साथ ही सदन की प्रभावी सदस्य संख्या 229 हो गई.

मध्य प्रदेश विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा अब 115 है. इसका अर्थ ये है कि कमलनाथ सरकार की निर्दलीय या एसपी या बीएसपी विधायकों पर निर्भरता खत्म हो गई है.

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