मध्यप्रदेश में इंदौर के नजदीक राउ में चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शिविर में हिस्सा लेने आए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से शुक्रवार को कहा कि वे पार्टी की मजबूती के लिए काम करें. शाह संघ के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शुक्रवार को इंदौर पहुंचे. विमानतल पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. इस दौरान शाह ने वहां मौजूद लोगों को नए वर्ष की बधाई दी और कहा कि सभी कार्यकर्ता पार्टी को और मजबूत करने के लिए काम करें.
नए साल में करें पार्टी को मजबूत
शाह ने वहां उपस्थित कार्यकर्ताओं से पार्टी को मजबूत करने की अपील की. शाह ने कहा, ' मैं संघ के शिविर में शामिल होने आया हूं. जब पार्टी के कार्यक्रम में आऊंगा, तब आप लोगों से चर्चा करूंगा. अभी सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं कि आप लोग नए साल में पार्टी को और अधिक मजबूत करने के लिए महेनत करें, ताकि हम सब मां भारती की सेवा कर सकें.'
संघ का इंदौर के राउ में पांच दिवसीय विश्व संघ शिविर चल रहा है. इस शिविर में देश और विदेश के संघ कार्यकर्ता जुटे हैं. इस शिविर में शामिल होने के लिए अमित शाह भी इंदौर पहुंचे.
उनकी अगवानी करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय , प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन और महापौर मालिनी गौड़ सहित कई नेता तथा कार्यकर्ता विमानतल पर मौजूद थे.
संघ के पैर 39 देशों तक फैले
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अब 39 देशों तक अपने पंख फैला लिए हैं. विदेशों में आरएसएस की शाखाएं हिन्दू स्वयंसेवक संघ (एचएसएस) के नाम से चलती है, जिसने अपना दायरा कई और देशों तक बढ़ा लिया है. इसका नेटवर्क यूएस और ब्रिटेन समेत 39 देशों तक पहुंच गया है.
रमेश सुब्रमण्यम के हाथों में कमान
संघ की शाखाएं 39 देशों में चलाई जा रही हैं, जिनका काम रमेश सुब्रह्मण्यम संभाल रहे हैं. उन्होंने 1996 से 2004 के बीच मॉरिशस में संघ की शाखाओं को सेटअप करने में काफी मदद की थी. फिलहाल, वे ‘सेवा’ नाम की एक संस्था की अध्यक्षता कर रहे हैं, जो संघ के प्रोग्राम के लिए फंड जुटाती है. रमेश ने कहा कि हिंदू स्वयंसेवक संघ विदेशों में बाकी हिंदू संगठनों के साथ मिलकर काम करता है, जिनमें चिन्मय और रामकृष्ण मिशन भी शामिल हैं.
इसलिए बदला विदेशों में नाम
रमेश ने कहा कि विदेशों में 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ' की जगह 'हिंदू स्वयंसेवक संघ' नाम का इस्तेमाल किया जाता है. क्योंकि ये भारतीय भूमि पर नहीं है, इसलिए इसके लिए 'राष्ट्रीय' का इस्तेमाल नहीं होता. ऐसा पूरी दुनिया के हिंदुओं को जोड़ने के लिए किया जा रहा है. संघ से करीब 40 दूसरे संगठन जुड़े हैं, लेकिन रमेश के मुताबिक, विदेशों में काम कर रहा हिंदू स्वयंसेवक संघ का दायरा इन सभी से काफी बड़ा है.
इन देशों तक है नेटवर्क
39 देशों में चल रही शाखाओं में से पांच देश मिडिल ईस्ट के हैं. इन देशों में बाहर शाखाएं चलाने की अनुमति नहीं है इसलिए यहां मैदान की बजाय घरों में लोग इकट्ठा होते हैं. फिनलैंड में संघ की ई-शाखा लगाई जाती है. इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए करीब 20 देशों के संघ से जुड़े लोग शामिल होते हैं. भारत के बाद नेपाल में संघ की सबसे ज्यादा शाखाएं लगती हैं. इसके बाद यूएस का नंबर आता है, जहां 146 जगहों पर संघ की शाखाएं लगती हैं. संघ का दावा है कि यूएस में पिछले 25 सालों शाखाएं लग रही हैं. यूएस में ये शाखाएं हफ्ते में एक बार लगती हैं, जबकि ब्रिटेन में दो बार. ब्रिटेन में कुल 84 जगहों पर शाखाएं लगती हैं.