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देवरी विधानसभा सीट: क्या लोधी और आदिवासी वोटरों को लुभा पाएगी बीजेपी

बीजेपी प्रत्याशी रतनसिंह सिलारपुर को हराया था. देवरी विधानसभा क्षेत्र तीन भागों में बंटा है. देवरी के अलावा केसली और गौरझामर. यहां से किसी भी पार्टी के उम्मीदवार की जीत के लिए आदिवासी और लोधी समाज के वोट निर्णायक होते हैं.

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देवरी विधानसभा सीट.
देवरी विधानसभा सीट.

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सागर जिले की देवरी विधानसभा सीट बीजेपी इस बार के विधानसभा चुनाव में जरूर जीतना चाहेगी. क्योंकि इस सीट पर 1998 और 2003 में बीजेपी जीतते आ रही थी, लेकिन 2013 के चुनाव में यहां से कांग्रेस के हर्ष यादव जीतकर आए थे.

उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी रतनसिंह सिलारपुर को हराया था. देवरी विधानसभा क्षेत्र तीन भागों में बंटा है. देवरी के अलावा केसली और गौरझामर. यहां से किसी भी पार्टी के उम्मीदवार की जीत के लिए आदिवासी और लोधी समाज के वोट निर्णायक होते हैं.

यहां का आदिवासी क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ चुनाव से बीजेपी ने इस वोट बैंक को अपने साथ किया है.

देवरी सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यह इलाका लोधी और आदिवासी बहुल है. केसली क्षेत्र में आदिवासी वोटर ज्यादा हैं. देवरी, गौरझामर क्षेत्र में लोधी, यादव, ब्राह्मण वोटर भी प्रभावी हैं.

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