व्यापम घोटाले में जांच शुरू करते हुए सीबीआई ने मामले में पांच एफआईआर दर्ज की हैं और 'आज तक' के पत्रकार अक्षय सिंह और नम्रता डामोर की मौत से जुड़े रिकॉर्ड मंगवाए हैं.
बुधवार को सीबीआई ने जिन मामलों में एफआईआर दर्ज की , उनमें 2013 की फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा भी शामिल है. इसी मामले में मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव समेत 100 लोग आरोपी हैं. डामोर और अक्षय सिंह की मौत के अलावा सीबीआई ने विजय पटेल, राजेंद्र आर्य और दीपक वर्मा की मौत से जुड़े रिकॉर्ड भी मंगाए हैं.
अप्राकृतिक मौतों पर फिलहाल FIR नहीं
2011 के प्री-पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में भी एफआईआर दर्ज की गई है और 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इस मामले में बीजेपी नेता गुलाब सिंह किराड़ और उनके बेटे शक्ति प्रताप सिंह भी आरोपी बनाए गए हैं.
जांच एजेंसी ने फिलहाल अप्राकृतिक मौतों पर कोई एफआईआर नहीं दर्ज की है. 2010 की पीएमटी परीक्षा के मामले में 21 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है. आईपीसी की धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़ी अनेक धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं.
कांग्रेस का आरोप, धर्मेंद्र प्रधान को पहुंचाया गया फायदा
उधर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि घोटाले के एक आरोपी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अलावा बीजेपी और संघ के अन्य नेताओं को फायदा पहुंचाया. हालांकि बीजेपी नेताओं ने इन आरोपों का खंडन किया है.
पिछले दो दिन से भोपाल में डेरा डाले हुए सीबीआई के दल ने सरकारी नौकरियों में भर्ती और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की परीक्षाओं में व्यापक धांधली के सिलसिले में तीन मामले दर्ज किए हैं और मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक आयोग के एक सदस्य और उनके बेटे का नाम दर्ज किया है. जांच एजेंसी ने घोटाले से जुड़े पांच लोगों की ‘रहस्यमयी’ तरीके से मौत के मामले में भी जांच शुरू की.
पेट्रोलियम मंत्री समेत कई बीजेपी नेताओं पर आरोप
एजेंसी ने जहां मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) से जुड़े मामलों में जांच शुरू की, वहीं कांग्रेस ने एक दस्तावेज जारी कर प्रधान और बीजेपी व संघ के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों पर एक प्रमुख आरोपी से फायदा लेने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ दस्तावेज जारी किए जो घोटाले के एक प्रमुख आरोपी सुधीर शर्मा से आयकर विभाग द्वारा कथित रूप से जब्त की गई एक पेन ड्राइव से मिली जानकारी पर आधारित हैं.
खनन कारोबारी शर्मा को मध्य प्रदेश में सत्ता के करीब समझा जाता है. आरोप हैं कि शर्मा ने बीजेपी उपाध्यक्ष प्रभात झा, उनके दो बेटों, संघ के सुरेश सोनी और बीजेपी के राज्यसभा सदस्य अनिल दवे को भी ‘भुगतान’ किए. कांग्रेस नेताओं ने कहा, ‘संघ की गहरी जड़ों के साथ बीजेपी के पूरे नेतृत्व की व्यापमं घोटाले में संलिप्तता बहुत बड़े स्तर पर है. इस मामले में एकमात्र विकल्प है कि शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद से हटाकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच कराई जाए.’ कांग्रेस नेताओं ने शिवराज के अलावा केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री प्रधान का भी इस्तीफा मांगा है.
प्रधान के टिकट कौन बुक कराता था?
प्रधान के यात्रा टिकट व्यापमं के आरोपी शर्मा द्वारा बुक कराए जाने का आरोप है. प्रधान ने कहा कि वह सुधीर शर्मा को जानते हैं क्योंकि वह एबीवीपी का कार्यकर्ता था, लेकिन उन्होंने कहा कि जब भी वह पार्टी के काम से यात्रा पर गए तो उनके टिकट बीजेपी कार्यालय ने खरीदे. शर्मा द्वारा टिकट बुक कराए जाने के आरोपों के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल नहीं, सवाल ही नहीं उठता.’ बीजेपी के सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त SIT ने इन आरोपों की जांच की थी और क्लीनचिट दे दी थी. उन्होंने कहा कि अब इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है. उन्हें जांच करने दी जाए.
राज्यसभा सदस्य झा ने भी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी हवाई यात्राओं के बिल का भुगतान संसद से होता है, इसलिए उनके लिए अन्य किसी को टिकट बुक करने की जरूरत नहीं है.
पहली शिकायत में 21 लोगों का नाम
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने 2010 की पीएमटी परीक्षा के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में 21 उम्मीदवारों को नामजद किया है. दूसरे मामले में एजेंसी ने 2011 की प्री पीजी परीक्षा में आठ संदिग्धों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.
दूसरी शिकायत में जिन लोगों को नामजद किया गया है उनमें मप्र पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य गुलाब सिंह किराड़ और उनके पुत्र शक्ति सिंह किराड़ शामिल हैं. अन्य नामों में व्यापम के पूर्व परीक्षा नियंत्रक सुधीर भदौरिया और पंकज त्रिवेदी शामिल हैं. व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी से इससे जुड़े लोगों की मौत के मामलों की भी तफ्तीश करने को कहा था. इस लिहाज से एजेंसी ने उज्जैन, कांकेर, ग्वालियर, झाबुआ के पुलिस अधीक्षकों और डीआईजी, इंदौर से पांच लोगों की रहस्यमयी मौत के मामलों के रिकॉर्ड मांगे हैं.
कांग्रेस ने किया बड़ा दावा
कांग्रेस का आरोप है कि अब तक घोटाले से जुड़े कम से कम 49 लोगों की रहस्यमयी परिस्थिति में जान जा चुकी है. नम्रता डामोर, विजय पटेल, राजेंद्र आर्य, अक्षय सिंह और दीपक वर्मा की मौत के सिलसिले में रिकॉर्ड मांगे गये हैं. अक्षय टीवी टुडे समूह के संवाददाता थे जो नम्रता के माता-पिता का साक्षात्कार करने के कुछ ही मिनट बाद चल बसे. नम्रता का शव उज्जैन जिले में रेल की पटरियों पर मिला था. वह एमबीबीएस छात्रा थी और घोटाले में लाभ पाने की संदिग्ध थी.
मध्य प्रदेश पुलिस ने शुरू में उसकी मौत को हत्या बताया था और बाद में इसे दुर्घटना में हुई मृत्यु बताते हुए मामले को बंद कर दिया. पटेल व्यापमं से जुड़े तीन मामलों में आरोपी था जिनकी जांच एमपी पुलिस की एसटीएफ ने की थी. रीवा जिले का निवासी पटेल छत्तीसगढ़ के कांकेर में मृत मिला था. घोटाले में जांच का सामना कर रहा संदिग्ध बिचौलिया आर्य जेल से छूटने के एक सप्ताह बाद मृत मिला था. पुलिस ने उसके लिवर में इन्फेक्शन होने का दावा किया था.
जबकि वर्मा भी पीएमटी मामले में कथित बिचौलिया था और 2010 में सड़क दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई थी. इस बीच कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चौहान का इस्तीफा मांगते हुए गुरुवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है.