मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है. सीबीआई को कमलनाथ के सहयोगियों पर आयकर छापे के मामले में जांच करने की चुनाव आयोग से अनुमति मिल गई है. इंडिया टुडे को सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी बहुत जल्द जांच शुरू कर सकती है.
इस जांच की अनुमति के लिए सीबीआई ने चुनाव आयोग को दस्तावेज और आयकर रिपोर्ट सौंपे थे. सीबीआई का आरोप था कि कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान बेहिसाब पैसों का अवैध ट्रांसजेक्शन किया. इसे मध्य प्रदेश से दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय भेजा गया. इस मामले कमलनाथ के 5 सहयोगी जांच के दायरे में हैं.
सीबीआई ने आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश में सरकारी विभाग से कमलनाथ के सहयोगियों को पैसे देने के लिए कहा गया था, जिसे बाद में दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय भेज दिया गया और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 11 उम्मीदवारों में भी यह पैसा बांटा गया. जांच एजेंसी को अभी तक 1350 करोड़ रुपये के ट्रांसजेक्शन के सबूत मिले हैं.
सीबीआई का दावा है कि व्हाट्सएप चैट रिकॉर्ड और कॉल रिकॉर्ड बताते है कि सीएम कमलनाथ खुद इस लेनदेन और भ्रष्टाचार में शामिल थे. कमलनाथ और उनके सहयोगी प्रवीण कक्कड़ के बीच कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि सीएम के निर्देश पर प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों से पैसा इकट्ठा किया जा रहा था.
कमलनाथ के ओएसडी के व्हाट्सएप मैसेज के मुताबिक इन विभागों से पैसे इकट्ठा किए गए-
परिवहन विभाग - 54.45 करोड़ रुपये
आबकारी विभाग - 36.62 करोड़ रुपये
खनन विभाग - 5.50 करोड़ रुपये
लोक निर्माण विभाग - 5.20 करोड़ रुपये
सिंचाई विभाग - 4 करोड़ रुपये
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय को 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए. शेल कंपनियों के माध्यम से 370 करोड़ रुपये खपाए गए. फर्जी बिलिंग के माध्यम से 330 करोड़ रुपये हवाला के जरिए भेजे गए. जांच एजेंसी को 1350 करोड़ रुपये के ट्रांसजेक्शन की जानकारी है. इस मामले में 7 अप्रैल को आयकर विभाग मध्य प्रदेश, नोएडा और दिल्ली के 52 ठिकानों पर छापेमारी कर चुका है.