व्यापम घोटाले पर कोहराम मचने के बाद मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. अब यह खबर सामने आई है कि शिवराज ने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के दबाव में आकर सीबीआई जांच की सिफरिश की. वैसे आज हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है.
जानकारी के मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए शिवराज सरकार पर दबाव बनाया. बीजेपी यह नहीं चाहती थी कि संसद के मॉनसून सत्र में विपक्ष को सरकार पर हमला करने को मौका मिले और विपक्ष इसका फायदा उठा ले जाए.
जबलपुर हाईकोर्ट में होनी है सुनवाई
जबलपुर हाईकोर्ट सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश के मामले में बुधवार को सुनवाई करने जा रहा है. सुनवाई करीब 2.30 बजे होनी है. व्यापम घोटाले में शिवराज सरकार ने सीबीआई जांच की मांग मानते हुए जबलपुर
हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
पहले सीबीआई जांच के लिए तैयार नहीं थे शिवराज
आजतक से एक्सक्लूसिव
बातचीत में शिवराज ने पहले कहा था कि मध्य प्रदेश में हो रही मौतों को
अनावश्यक रूप से व्यापम से जोड़ा जा रहा है. हाईकोर्ट की निगरानी में
एसटीएफ इस मामले की जांच कर रही है, इसलिए वह इसकी सीबीआई जांच के लिए अपनी
तरफ से कोई पहल नहीं करेंगे. उन्होंने कहा था, 'एसटीएफ सरकार के अधीन काम
नहीं कर रही है. हाईकोर्ट की निगरानी में है. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट
ने इस मामले में सीबीआई जांच से पहले ही इनकार किया है. ऐसे में हमारी तरफ
से मांग कोर्ट की अवमानना होगी.'
आखिरकार झुकी शिवराज सरकार
शिवराज सिंह चौहान कुछ घंटे पहले तक सीबीआई जांच में
खुद की लाचारी बयान कर रहे थे. एक रात में ही अचानक नींद ऐसी गायब हुई कि न
सिर्फ सीबीआई जांच के लिए खुद ही अदालत में सिफारिश भेजने को तैयार हो गए,
बल्कि ये भी मान लिया कि जनता के दिल-दिमाग में घुमड़ते सवालों से और नहीं
भागा जा सकता. उनको आखिरकार झुकना ही पड़ गया.
CBI जांच की मांग पर 9 को फैसला करेगा SC
सुप्रीम कोर्ट व्यापम घोटाले से जुड़े लोगों की मौत और सीबीआई जांच की मांग
पर नौ जुलाई को सुनवाई करेगा. ये मांग कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और तीन
व्हिसल- ब्लोवर की ओर से याचिका दायर कर की गई है.
बेंच की अध्यक्षता करने वाले चीफ जस्टिस एचएल दत्तू ने मंगलवार को कहा कि
व्यापम घोटाले में कथित तौर पर शामिल मध्य प्रदेश के गवर्नर राम नरेश यादव
को हटाए जाने के अलावा दायर दो अन्य याचिकाओं पर 9 जुलाई को सुनवाई होगी.