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छापेमारी पर बोले कमलनाथ- विरोधियों के खिलाफ ऐसे ही हथकंडे अपनाती है बीजेपी

मध्य प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में हार को देखते हुए बीजेपी की केंद्र सरकार ने बौखलाहट में ये छापेमारी करवाई है.

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मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल फोटो)
मुख्यमंत्री कमलनाथ (फाइल फोटो)

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर दिल्ली और मध्य प्रदेश में स्थित 50 ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी को कांग्रेस ने राजनीतिक बदला करार दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि आयकर विभाग के छापों की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हुई है. सारी स्थिति स्पष्ट होने पर ही इस पर कुछ कहना उचित होगा.

कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, पूरा देश जानता है कि संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल यह लोग कैसे पिछले 5 वर्षों में करते आए हैं. जब इनके पास विकास और अपने काम पर कुछ कहने और बोलने के लिए नहीं बचता है तो ये विरोधियों के खिलाफ इसी तरह के हथकंडे अपनाते हैं.

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपनी हार सामने नज़र आने लगी है तो इस तरह की कार्रवाई जानबूझकर चुनाव में लाभ लेने के लिए की जाने लगी है. पिछले विधानसभा चुनाव में भी इन्होंने इसी तरह के हथकंडे अपनाए थे. कमलनाथ ने कहा कि कई राजनीतिक दल और कई राज्य पिछले 5 वर्षों में इनके द्वारा अपनाए गए हथकंडों के गवाह हैं.

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उन्होंने कहा कि हम इसके लिए तैयार हैं कि हर चीज़ की निष्पक्ष जांच हो. इस तरह के हथकंडों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है. इन घटनाओं से विकास के पथ पर हमारे कदम नहीं रुकेंगे और तेज़ी से विकास के पथ पर आगे बढ़ेंगे. कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता सब सच्चाई जानती है. आगामी लोकसभा चुनाव में प्रदेश की जनता इन हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देगी.

छापेमारी से तिलमिलाई कांग्रेस

कमलनाथ के करीबियों पर छापेमारी के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस की पहली प्रतिक्रिया सामने आई. मध्य प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में हार को देखते हुए बीजेपी की केंद्र सरकार ने बौखलाहट में ये छापेमारी करवाई है.

शोभा ओझा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर की गई इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई को हाल ही में तीन राज्यों में मिली करारी हार से उत्पन्न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बौखलाहट बताते हुए कहा कि चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस पार्टी की छवि खराब करने और राजनीतिक दबाव बनाने का यह असफल प्रयास है. शोभा ओझा ने आरोप लगाया कि अभी तीन दिन पहले जब अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के काफिले की चेकिंग के दौरान 1.80 करोड़ रुपये मिले और जिसकी प्रामाणिक शिकायत कांग्रेस पार्टी ने की तब क्यों जांच एजेंसियों और चुनाव आयोग ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की? जबकि कांग्रेस पार्टी ने सीधा शक जाहिर किया था कि पैसा वहां दूसरे दिन होने वाली एक रैली के लिए इस्तेमाल होने वाला था.

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ओझा ने आरोप लगाया कि बीजेपी विरोधियों को दबाने की कोशिशों की शिकार अकेली कांग्रेस पार्टी नहीं है, पूरे देश में सभी विपक्षी दल ऐसी द्वेषपूर्ण कार्रवाईयों का शिकार हो रहा है, चाहे वो तेलुगुदेशम पार्टी हो, तृणमूल कांग्रेस हो, डीएमके हो या कोई और.

शोभा ओझा ने आरोप लगाया कि क्या सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग की नज़रों में विपक्ष के लोग ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं? ये कैसा दोहरा मापदंड है कि सत्ताधारी दल को छूट दी जाती है. इसे पूरा देश देख रहा है.

वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार राजनीतिक रंजिश के चलते पूरे देश में विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रही है. इसी तरह के राजनीतिक प्रतिशोध के चलते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन किया था. हालांकि बीजेपी ने इसपर पलटवार करते हुए कहा कि चोरों को अब 'चौकीदार' से की शिकायत होने लगी है.

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