मध्य प्रदेश में सत्ता का फाइनल माने जा रहे विधानसभा उपचुनाव की सरगर्मियों के बीच नेताओं की जुबान भी आग उगल रही है. जुबानी जंग ने जोर पकड़ा तो नेता शब्दों के तीर चलाने में मर्यादा भी भूल गए. कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने रविवार को अशोकनगर में सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भूखा-नंगा तक कह दिया. अशोकनगर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दिनेश गुर्जर ने कहा था कि पूर्व सीएम कमलनाथ देश के दूसरे नंबर के उद्योगपति हैं, शिवराज सिंह चौहान की तरह नंगे-भूखे परिवार के नहीं हैं. अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसपर पलटवार किया है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हां, मैं नंगे-भूखे परिवार से हूं. इसलिए उनका दुख-दर्द समझता हूं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता बताएं, क्या उन्होंने कभी खेत देखे हैं? कभी पगडंडी देखी है? कभी धूल देखी है? कीचड़ देखा है? कभी बीमारी देखी है? सीएम ने कहा कि अरे हमें भूखे-नंगे ही रहने दो क्योंकि मैं गरीब हूं. इसलिए गरीब बेटे-बेटियों को मामा बन पढ़ाता हूं. गरीब हूं, इसलिए गरीब मां-बाप की बेटियों का कन्यादान करता हूं. गरीब हूं, इसी लिए हर गरीब का दर्द समझता हूं, प्रदेश को समझता हूं.
सीएम शिवराज ने यह भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार गिरा दी. फिलहाल मामा टेम्परेरी मुख्यमंत्री है. मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरा वजन 2 किलोग्राम कम हुआ. सीएम शिवराज ने पूर्व सीएम कमलनाथ का नाम लेते हुए कहा कि हम होटल में गुलछर्रे नहीं उड़ाते. हम भूखे-नंगे ही सही, कमलनाथ जैसा उद्योगपति नहीं बनना. उन्होंने आईफा अवॉर्ड के आयोजन पर भी तंज किया और किसान कर्ज माफी को लेकर भी हमला किया.
दिनेश गुर्जर के बयान से कांग्रेस ने किया किनारा
सीएम शिवराज को लेकर दिनेश गुर्जर के बयान से कांग्रेस ने किनारा कर लिया है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि पार्टी, दिनेश गुर्जर के शब्दों का समर्थन नहीं करती. साथ ही, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाया कि दिनेश के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है. नरेंद्र सलूजा ने कहा कि दिनेश गुर्जर के कहने का आशय था कि कमलनाथ गरीबों का दर्द जानते हैं. खुद को किसान पुत्र कहने वाले शिवराज के राज में ही किसान गोलीकांड हुआ और यूरिया के लिए किसानों पर लाठियां पड़ीं.