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MP: गोडसे समर्थक की कांग्रेस में एंट्री पर सवाल उठाने वाले नेता छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित 

हिंदू महासभा से जुड़े रहे और नाथूराम गोडसे समर्थक पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया की एंट्री पर जारी घमासान करीब महीने भर बाद भी थमा नहीं है.  इस विवाद को लेकर अब पार्टी ने बड़ा एक्शन लिया है. बाबूलाल का विरोध करने वाले पार्टी नेता मानक अग्रवाल को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. 

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कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल
कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मानक अग्रवाल छह साल के लिए निष्कासित
  • ट्वीट करते हुए किया था कमलनाथ से सवाल
  • पार्टी की अनुशासन समिति ने लिया फैसला 

मध्य प्रदेश कांग्रेस में नाथूराम गोडसे समर्थक व पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया की एंट्री के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया. पाटी में इस कदर विरोध खड़ा हुआ कि पार्टी भी इस पूरे मामले पर एक्शन मोड में आ गई. इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा सक्रिय रहे कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल पर पार्टी ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति की 15 मार्च को हुई बैठक में मानक अग्रवाल की सदस्यता समाप्त करते हुए उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया. 

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मानक अग्रवाल ने हाल ही में हिंदू महासभा के पूर्व पार्षद बाबूलाल चौरसिया की कांग्रेस में शामिल होने पर विरोध किया था. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'कमलनाथ जी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह गोडसे की विचारधारा के साथ हैं या गांधी जी की विचारधारा के साथ. जिस तरीके से उन्होंने अडानी और अंबानी की तारीफ पिछले दिनों में की है उससे यह स्पष्ट होता है कि वह हमेशा से पार्टी की विचारधारा के विपरीत चले हैं.'

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मानक अग्रवाल के इस ट्वीट को बेहद गंभीर माना, जिसके बाद 15 मार्च को जब प्रदेश अनुशासन समिति की बैठक हुई, तो उसमें इस ट्वीट को अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ माना गया, जिसके बाद मानक अग्रवाल को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने का फैसला लिया गया. 

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ये ​बोले मानक अग्रवाल 
वहीं निष्कासन के बाद आजतक से बात करते हुए मानक अग्रवाल ने कहा कि वह एआईसीसी के सदस्य हैं. ऐसे में प्रदेश की अनुशासन समिति उनके खिलाफ कोई फैसला ले ही नहीं सकती. मानक अग्रवाल ने कहा कि बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में आने का विरोध उनके अलावा दूसरे कांग्रेस नेताओं ने भी किया था, तो फिर सिर्फ उन्हें ही निशाना बनाते हुए निष्कासन की कार्रवाई करना गलत है. 

 

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