कांग्रेस पार्टी अपनी खोई जमीन तलाशने के लिए 10 जुलाई को मध्य प्रदेश के भिंड में करीब एक लाख लोगों की रैली करेगी. इससे पहले प्रदेश भर में कांग्रेस स्वाभिमान यात्रा निकाली जा रही है, इस यात्रा में हर ब्लॉक स्तर पर घड़े फोड़कर 'शिवराज का पाप का घड़ा भर गया, जनता फोड़ेगी' के नारे को जनता के दिमाग पर चस्पा करने की कोशिश होगी.
10 जुलाई को भिंड में होने वाली रैली में कांग्रेस के तमाम बड़े नेता घड़े फोड़कर जनता को सम्बोधित करेंगे. इसके लिए पार्टी ने खास तैयारी कर रखी है ताकि गुटों में बंटी मध्य प्रदेश कांग्रेस को इस रैली में जनता के सामने एकजुट दिखाया जाए. इसलिए इस रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, विधायक दल के नेता अजय सिंह के साथ दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांतिलाल भूरिया और सुरेश पचौरी समेत सभी बड़े दिग्गज एक साथ मौजूद रहेंगे. अभी तक इस रैली में राहुल गांधी की मौजूदगी का कार्यक्रम नहीं है. कांग्रेस की कोशिश है कि, लड़ाई राज्य कांग्रेस बनाम शिवराज की हो, ना कि, मोदी बनाम राष्ट्रीय कांग्रेस की.
कांग्रेस 5 जुलाई को बाबा साहेब अंबेडकर की जन्मस्थली माहू में प्रकाश अम्बेडकर और ज्योतिबा फुले के बड़े अनुयायी सुनील सरदार के साथ कांग्रेस के प्रभारी मोहन प्रकाश, अरुण यादव और अजय सिंह प्रार्थना सभा में शामिल होंगे. इसके बाद ये सभी भारतीय कृषक समाज की रैली को भी संबोधित करेंगे. इन सभी का शाम को अम्बेडकर विश्वविद्यालय में छात्रों से मिलने का भी कार्यक्रम है.
दलित और किसान गठजोड़ बनाने की ही कोशिश में माहू के कार्यक्रम के बाद पार्टी की ओर से मंदसौर जिले की लाहर गढ़ तहसील में जेल भरो आंदोलन रखा है. इसी तहसील में किसानों पर हाल में गोलियां चलीं थीं, जिसमें 5 किसानों की मौत हो गई थी.
साफ है कि 14 साल से राज्य की सत्ता से बाहर कांग्रेस अब किसानों और दलितों को अपने पाले में एकजुट कर सत्ता में वापसी की कोशिश में जुट गई है. पार्टी को लगता है कि, किसान और दलित का गठजोड़ अगर सफल हुआ तो उसका राज्य की सत्ता में कांग्रेस की वापसी मुमकिन है. लेकिन कांग्रेस के सामने वो शिवराज हैं, जो लगातार दो चुनाव में कांग्रेस को पटखनी दे चुके हैं.