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MP: कोरोना से परिवार के सदस्य की मौत के बाद अपने हुए पराए, परिवारों ने बयां किया दर्द

कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले एक शख्स की पत्नी का कहना है कि हमको लोग ऐसे देखते हैं, जैसे हमने कोई चोरी की हो और डाका डाला हो. सड़क से जाते हैं, तो लोग ऐसे करते हैं जैसे हमें कोई छूत की बीमारी हो. रिश्तेदार भी दूरियां बना रहे हैं.

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मृतक के परिजनों ने सुनाई दास्तां
मृतक के परिजनों ने सुनाई दास्तां

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  • मृतक के परिजन बोले- कोरोना ने सामाजिक मेलजोल भी खत्म कर दिया
  • कोरोना से जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति बदल रहा लोगों का व्यवहार

कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों के परिजन इन दिनों एक नई समस्या से दो-चार हो रहे हैं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे बड़े हॉटस्पॉट जहांगीराबाद में रह रहे कुछ परिवारों को इस बात का दर्द है कि उनके परिवार में कोरोना की वजह से मौत के बाद अब उनको लेकर लोगों का व्यवहार बदल गया है. कोरोना वायरस से मरने वालों के परिजनों ने आजतक से अपना दर्द बयां किया.

कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों का कहना है कि हमारे देश मे किसी के घर में हादसा हो जाने के बाद रिश्तेदारों से लेकर पड़ोसी तक उसके गम में शामिल हो जाते हैं, जिससे उसे अकेलेपन का अहसास न हो. हालांकि कोरोना ने इन दिनों रिश्तों को भी संक्रमित जैसा कर दिया है. कोरोना ने पहले इंसानी जिंदगी को लीला और फिर उसके बाद मृतकों के परिजनों के सामाजिक मेलजोल को भी खत्म कर दिया.

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भोपाल के चर्च रोड पर रहने वाले एक परिवार के एक सदस्य की 11 अप्रैल को कोरोना वायरस से मौत हो गई थी. इसके तुरंत बाद परिवार के लोगों को प्रशासन ने क्वारनटीन कर दिया था. क्वारनटीन पीरियड खत्म होने के बाद परिवार ने नए सिरे से जिंदगी शुरू करने की कोशिश तो की, लेकिन इनका कहना है कि परिवार में कोरोना से मौत के बाद लोगों का इनके प्रति व्यवहार बदल गया है. फिलहाल घर के लोग एक साथ बैठकर एक-दूसरे से तो बात कर लेते हैं, लेकिन इन लोगों से बात करने न तो पड़ोसी आते हैं और न ही रिश्तेदार.

मृतक की पत्नी ने कहा- हमको चोरों की तरह देखते हैं लोग

कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले एक शख्स की पत्नी का कहना है कि हमको लोग ऐसे देखते हैं, जैसे हमने कोई चोरी की हो और डाका डाला हो. सड़क से जाते हैं, तो लोग ऐसे करते हैं जैसे हमें कोई छूत की बीमारी हो. रिश्तेदार भी दूरियां बना रहे हैं. पहले सब आते जाते थे, हम लोग भी जाते थे, पर जबसे घर में कोरोना से मौत हुई, तब से ये लोग ऐसे देखते हैं, जैसे चोरों-डकैतों को देखते हैं. हमें तो ऐसा लगता है कि हमारे कर्म ही खराब थे, जो हमारे पति को कोरोना हुआ. अब हमसे दरवाजे के सामने खड़े रहकर कोई राम-राम भी नहीं करता है. इससे दिल में ठेस लगती है.

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जहांगीराबाद कंटेनमेंट जोन के नाम से डरे हुए हैं लोग

वहीं, मृतक के भाई का आरोप है कि लोगों के मन मे जहांगीराबाद कंटेनमेंट जोन के नाम का ऐसा डर बैठ गया है कि लोग मिलने तक से कतरा रहे हैं. आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा कि जहांगीराबाद के नाम से लोग इतना डरे हुए हैं कि बाहर के लोग भी बोलते हैं कि जहांगीराबाद के लोगों से अभी बात नहीं करनी है.

कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार में शामिल होने पर क्वारनटीन

इसके अलावा इलाके के अहीर मोहल्ला में एक व्यक्ति की 8 अप्रैल को मौत हो गई थी. उसके अंतिम संस्कार में काफी लोग शरीक हुए थे, लेकिन जब तीन दिन बार उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो प्रशासन ने सभी लोगों को क्वारनटीन कर दिया था. मृतक के बेटे का कहना है कि उनको भी पिता की मौत के बाद शुरुआत में लोगों के व्यवहार में बदलाव दिखा, लेकिन अब धीरे-धीरे लोगों का व्यवहार सामान्य हो रहा है. हालांकि उन्हें इस बात की टीस है.

पुलिस के समझाने के बाद सुधरने लगा लोगों का मिजाज

वहीं, जब कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की अनदेखी के बारे में मध्य प्रदेश पुलिस के सब-इंस्पेक्टर आर. के. यादव को जानकारी मिली, तो उन्होंने लोगों को समझाया. इसका लोगों पर असर भी हुआ है. उन्होंने बताया कि पड़ोस के लोग इसको गलत मान रहे थे और मृतकों के परिजनों से दूरी बना रहे थे, लेकिन हम उनके बीच गए, उनको समझाया कि ये आपके पड़ोसी थे और आगे भी रहेंगे. अब उनको इसका भ्रम नहीं है.

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