पीएमटी फर्जीवाड़ा रेकेट के सरगना डॉ. जगदीश सागर के बंगले पर क्राइम क्राइम ब्रांच की टीम ने एक बार फिर छापा मारा. तलाशी में बेडरूम के गद्दों को फाड़कर पुलिस ने 13 लाख रुपये, नोट गिनने की दूसरी मशीन और बच्चों के स्कूल बैग में छिपाकर रखे गए दस्तावेज बरामद किए.
डॉ. जगदीश सागर इस समय पुलिस रिमांड पर है. पुलिस का मानना है की सागर ने सैकड़ों कोगोन को फर्जीवाड़े के जरिये डाक्टर बनाया है. फिलहाल, पुलिस डॉक्टर सागर की गहराई नापने में लगी है. पुलिस ने शनिवार को सागर के बंगले 'रुद्राक्ष' पर दबिश दी.
सागर के बारे में कहा जा रहा है की अभी तक वह एक हजार से ज्यादा छात्रों को फर्जी तरीके से पीएमटी की परीक्षा पास करवा चुका है. उसकी एवज में वह बीस से पच्चीस लाख रुपये प्रति छात्र लेता था.
इतना ही नहीं, इस गोरखधंधे में सागर की मदद करने वाले व्यापम के तीन अधिकारी इंदौर क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में हैं. दो दिन पहले सागर के दूसरे घर पर पुलिस द्वारा मारे गए छापे में आडिटोरियम नुमा एक हाल मिला था, जिसमें डाक्टर सागर फर्जी तरीके से परीक्षा देने के लिए स्टूडेंट्स की काउंसलिंग करता था.
फिलहाल इंदौर पुलिस उन नामों की तफ्तीश करने में लगी हुई है, जिनको डॉक्टर सागर ने फर्जी तरीके से पीएमटी की परीक्षा पास करावा कर मेडिकल कालेज में एडमिशन करवाया था.
वहीं मामले में व्यापम की मिलीभगत आने के बाद व्यापम ने कल से शुरू हो रही काउंसिलिंग में छात्रों से शपथ पत्र भरवाने का भी निर्णय लिया है. यदि छात्र फर्जीवाड़ा कर परीक्षा में पास हुआ है तो उसकी काउंसलिंग निरस्त कर दी जायेगी. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के चिकित्सा स्वस्थ मंत्री अनूप मिश्रा मामले में 350 स्टूडेंट के नाम सामने आने की बात कह चुके हैं.