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15 अगस्त को तिरंगा फहराने पर अड़ी दलित महिला सरपंच, DM ऑफिस पर दिया धरना

मध्य प्रदेश के दमोह में एक दलित महिला सरपंच धरने पर बैठी हैं. मामला उसे 15 अगस्त को पंचायत में झंडा फहराने नहीं देने का है. महिला सरपंच के मुताबिक राज्य के कद्दावर मंत्री जयंत मलैया और उनका बेटा लगातार उन्हें परेशान कर रहे हैं.

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15 अगस्त को झंडा फहराना चाहती हैं पूना बाई
15 अगस्त को झंडा फहराना चाहती हैं पूना बाई

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मध्य प्रदेश के दमोह में एक दलित महिला सरपंच धरने पर बैठी हैं. मामला उसे 15 अगस्त को पंचायत में झंडा फहराने नहीं देने का है. महिला सरपंच के मुताबिक राज्य के कद्दावर मंत्री जयंत मलैया और उनका बेटा लगातार उन्हें परेशान कर रहे हैं. बगैर किसी ठोस जांच और नोटिस के उसे सरपंच के पद से हटाने की कार्रवाई की जा रही है. जिले के कलेक्टर और पंचायत विभाग के अधिकारी मंत्री के इशारे पर उसे कानूनी पचड़ों में उलझा रहे हैं.

राज्य के वित्त मंत्री पर गंभीर आरोप
दलित महिला सरपंच न्याय की मांग को लेकर कलेक्टर दफ्तर के सामने धरने पर बैठी हैं, वो यहां से गुजरने वाले लोगों को बताती हैं कि चाहे राज्य की सरकार हो या केंद्र की दोनों दलितों के उत्थान की बात करती है, लेकिन हकीकत बिल्कुल उलटी है. धरने पर बैठी इस महिला सरपंच का नाम पूना बाई अहिरवार है. पूना बाई बांदकपुर गांव से चुनाव लड़कर सरपंच चुनी गई हैं. सालभर से उसे पंचायत में अपने कामकाज को लेकर काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.

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कोर्ट के आदेश के बावजूद नियुक्ति में देरी
पिछले साल 15 अगस्त को जब उसने झंडा फहराने का ऐलान किया तो स्वतंत्रता दिवस से ठीक दो दिन पहले यानी 13 अगस्त 2015 को उसे कलेक्टर के आदेश के बाद झंडा फहराने से रोक दिया गया. पूना बाई ने कलेक्टर के आदेश को कमिश्नर के न्यायालय में चुनौती दी. करीब साल भर चली सुनवाई के बाद 21 जुलाई 2016 को कमिश्नर ने कलेक्टर के आदेश को निरस्त कर दिया और पूना बाई को वापस सरपंच के पद काबिज करने के लिए निर्देश दिए. पूना बाई का आरोप है कि इस आदेश के जारी होने के बाद लोकल विधायक और राज्य के कैबिनेट मंत्री जयंत मलैया फिर सक्रिय हो गए हैं और उसे सरपंच के पद पर नियुक्त नहीं करने के लिए प्रशासन पर दबाव बना दिया. जिससे कलेक्टर ने अबतक उनकी बहाली के आदेश जारी नहीं किए.

15 अगस्त को झंडा फहराना चाहती हैं पूना बाई
पूना बाई पंचायत भवन में झंडा फहराने चाहती है. लिहाजा वो कमिश्नर के आदेश पर अमल कराने के लिए कलेक्टर के दफ्तर के सामने धरने पर बैठी हैं. पीड़ित महिला सरपंच पूना बाई का आरोप है कि वित्त मंत्री और उनका बेटा नहीं चाहता कि वो सरपंच रहे. पूना बाई जिस बांदकपुर गांव की सरपंच है उस गांव को सांसद प्रह्लाद सिंह पटेल ने गोद लिया हुआ है. पूना बाई ने मामले की शिकायत सांसद से भी की है. हर कोई जांच का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिए. उधर, इस मामले को लेकर राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया का कहना है कि पूना बाई बेवजह बखेड़ा खड़ा कर रही हैं.

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