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मध्य प्रदेश में दबंगों ने रोकी दलित की शव यात्रा, मामला दर्ज

घटना एमपी के खंडवा जिले की है. जिले के डोंगरगांव में एक शवयात्रा का रास्ता रोकने से विवाद की स्थिति बन गई. शमशान के रास्ते में पड़ने वाले अपने खेत से एक रसूखदार परिवार ने शवयात्रा को इसलिए जाने नहीं दिया की वह एक दलित महिला की थी. दरअसल दलित परिवार की 85 साल की मैदाबाई की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था.

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जांच में जुटी पुलिस
जांच में जुटी पुलिस

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मध्य प्रदेश में दलितों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के मामलों में एक नया मामला सामने आया है, जहां अपने खेत से दलित की शवयात्रा को गुजरने से दबंगों ने रोक दिया. हालांकि बाद में पुलिस ने दबंगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

घटना एमपी के खंडवा जिले की है. जिले के डोंगरगांव में एक शवयात्रा का रास्ता रोकने से विवाद की स्थिति बन गई. शमशान के रास्ते में पड़ने वाले अपने खेत से एक रसूखदार परिवार ने शवयात्रा को इसलिए जाने नहीं दिया की वह एक दलित महिला की थी. दरअसल दलित परिवार की 85 साल की मैदाबाई की लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था.

परिजन उसके अंतिम संस्कार के लिए कावेरी नदी पर बने गौ घाट पर ले जा रहे थे. इस रास्ते में सावन गुर्जर का खेत पड़ता है. इस शवयात्रा को अपने खेत में गुजरने से सावन और उसके परिजनों ने रोक दिया. काफी देर तक विवाद की स्थिति बनी रही और जब विवाद बढ़ने लगा तो पुलिस को दखल देना पड़ा. पुलिस हस्तक्षेप के बाद दलित महिला की अंतिम यात्रा यहां से निकल सकी. अब पुलिस ने दलितों का रास्ता रोकने वाले दबंग और उसके परिजनों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट (अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम ) के तहत मामला दर्ज कर लिया है.

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पुलिस की दखल के बाद मामला भले निपट गया हो लेकिन इस घटना के बाद एक बार फिर गांवों में अभी भी दलितों के प्रति रसूखदारों का व्यवहार सामने आया है. दलितों के प्रति इस तरह का व्यवहार ना केवल चिंताजनक है बल्कि समाज के बीच दूरियां बढ़ाने वाला भी है.

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