कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. दिग्विजय ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में समानता बताते हुए कहा कि दोनों नेताओं को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है और अपने हित के लिए संस्थाओं का बर्बाद कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, 'ट्रंप के शासन में अमेरिका और मोदी के शासन में भारत में अद्भुत समानता है. दोनों लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं और अपने स्वार्थ के लिए संस्थानों और लोकतंत्र को बर्बाद कर रहे हैं. मुझे पता है कि मोदी ट्रोल आर्मी क्या कहने वाली है, लेकिन मुझे परवाह नहीं है. नेशन फर्स्ट होना चाहिए.'
Amazing similarity between US under Trump & India under Modi. Both don’t believe in Democracy & are hell bent on destroying Institutions & Democracy for their own selfish & Megalomaniac trait. I know what Modi Troll Army is going to say but I don’t care. It should be Nation First
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 19, 2020
वहीं, शिवराज सरकार की ओर से सरकार नौकरियों में सिर्फ राज्य के निवासियों को आरक्षण दिए जाने के ऐलान का दिग्विजय सिंह ने स्वागत किया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि मेरी मांग शिवराज सिंह चौहान ने स्वीकार की, इसके लिए धन्यवाद, लेकिन जब तक शासकीय आदेश नहीं निकलेगा तब तक आप पर कैसे भरोसा करें?
दिग्विजय सिंह ने पूछा कि 15 साल तक किस बात का इंतजार था? हज़ारों मध्यप्रदेश के होनहार नौजवानों का हक़ आपने मारा और व्यापम के भ्रष्टाचार के लिए कौन ज़िम्मेदार है? आप और केवल आप. गौरतलब है कि 9 अगस्त को दिग्विजय सिंह ने एक वीडियो शेयर करके रोजगार का मुद्दा उठाया था.
मेरी मॉंग शिवराज जी आपने स्वीकार की,धन्यवाद।लेकिन जब तक शासकीय आदेश नहीं निकलेगा तब तक आप पर कैसे भरोसा करें? १५ साल तक किस बात का इंतज़ार था? हज़ारों मध्यप्रदेश के होनहार नौजवानों का हक़ आपने मारा और व्यापम के भ्रष्टाचार के लिए कौन ज़िम्मेदार है? आप और केवल आप। pic.twitter.com/ArdUaqOKxY
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 18, 2020
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मध्यप्रदेश के बेरोजगारों की समस्या बढ़ती जा रही है. जिनके पास रोजगार था वे भी कोरोना संकट काल में बेरोजगार होते जा रहे हैं. कांग्रेस की मांग है कि शिवराज सरकार उन्हीं को नौकरी में ले जिन्होंने 10वीं कक्षा मध्य प्रदेश से पास की हो जैसा कि मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल में नियम था.