बीजेपी द्वारा नरेन्द्र मोदी एवं एक विदेशी पत्रिका द्वारा केन्द्रीय मंत्री पी.चिदंबरम को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने के दावे और कयासों के बीच कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को पार्टी के एक अन्य महासचिव राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाये जाने की वकालत की.
सिंह ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाये जाने के संबंध में पूर्व में दिये गये उनके वक्तव्य के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वे आज भी अपने बयान पर कायम हैं और यदि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं तो इससे सभी लोग खुश होंगे. यह पूछे जाने पर कि बीजेपी ने गुजरात के मुख्यमंत्री को अपना सेनापति घोषित किया है तो कांग्रेस का सेनापति कौन है, सिंह ने कहा कांग्रेस की सेनापति पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं.
एक अन्य प्रध्न के उत्तर में सिंह ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने कभी भी नरेन्द्र मोदी की तुलना रावण से की है. उन्होंने कहा कि उन्होंने यही कहा था कि हाइटेक चुनाव प्रचार के जरिये एक जगह बोलते हैं और दस जगह दिखायी देते हैं और जहां तक उन्हें याद है कि रामायण में भी एक ऐसा पात्र था जो दस सिर से बोलता था.
बीजेपी के एक वर्ग द्वारा नरेन्द्र मोदी को आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताये जाने के संबंध में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इस सबंध में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का बयान लेना चाहिये.
आम आदमी की पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा नरेन्द्र मोदी पर 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले संबंधी आरोप के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इसी प्रकार के आरोप कांग्रेस पार्टी पूर्व से ही लगाती रही है.
खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने बीजेपी पर दोमुखी बात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2002-03 में बीजेपी ने इस मामले में सौ प्रतिशत विदेशी निवेश का प्रस्ताव किया था जबकि कांग्रेस ने 51 प्रतिशत विदेशी निवेश का प्रस्ताव दिया है तथा इसमें 30 प्रतिशत माल देश के छोटे एवं मध्यम उद्योगों से लिये जाने की शर्त के साथ ही इसे किसी राज्य में लागू करने में बंधनकारी नहीं किया है.
सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध कर रहे हैं जबकि मध्य प्रदेश में ही खुलेआम ऐसे स्टोरों से रिटेल का माल खरीदा जा रहा है. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही शुरू की गयी नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना की व्यवहारिकता के संबंध में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को उस एजेंसी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिये जिसने इसे अव्यवहारिक ठहराया है.
मध्य प्रदेश की सडकों की बेहाल हालत संबंधी प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गो की हालत ही खराब थी जबकि राजकीय राजमार्गों की हालत ठीक थी लेकिन आज बीजेपी शासनकाल के दौरान दोनो ही सडकों की हालत खस्ता है. उन्होंनें कहा कि यह हालत तब है जब पूर्व की अपेक्षा भाजपा सरकार को केन्द्र से पांच गुना अधिक पैसा मिल रहा है.
उन्होने कहा कि बीजेपी का काम केवल टेंडर निकालना है और टेंडर निकालने के बाद वह उसकी शर्तों में बदलाव कर अपने चुने हुए ठेकेदारों को ठेका दे देती है. उन्होंनें कहा कि बीजेपी सरकार को इस बात की जांच करना चाहिये कि राष्ट्रीय राजमार्ग और राजकीय राजमार्गों का ठेका किस किस के पास है.