दिग्विजय सिंह का बयान आपत्तिजनक
बीजेपी नेता विश्वास सारंग ने कहा, 'दिग्विजय सिंह का बयान बहुत आपत्तिजनक है खासतौर से उस दौरान जब यूएन में प्रधानमंत्री जी के भाषण के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हिंदू, हिंदुस्तान और मुसलमान के लिए उस मंच का इस्तेमाल किया था.' सारंग ने कहा, 'दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान के प्रवक्ता की तरह बयान दिया है जिस भाषण को यूएन में इमरान खान ने जहां छोड़ा था उसी का एक्सटेंशन दिग्विजय सिंह का यह बयान है.'
आगे उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और हिंदू को जोड़ने का प्रयास किया है और यह उनकी नई बात नहीं है. वह हर समय भगवा को लेकर, हिंदू को लेकर और हिंदुस्तान को लेकर विवादित बयान देते हैं. वह हर समय पाकिस्तानपरस्ती की बात करते हैं. मेरा मानना है उनका यह बयान देशद्रोह की श्रेणी में आता है.'
नेहरू को कोट करने पर कहा
दिग्विजय सिंह के अपने बयान के बीच में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को कोट करने पर सारंग ने कहा, 'यह और गंभीर बात है, क्योंकि उन्होंने अपने भाषण में जवाहरलाल नेहरू को कोट किया है. मेरा मानना है कि कांग्रेस को स्पष्टीकरण देना होगा, सोनिया जी को स्पष्टीकरण देना होगा कि क्या नेहरू जी का जो बयान दिग्विजय सिंह जी ने कोट किया है क्या वह कांग्रेस का विचार है?'
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, 'क्या वह कांग्रेस की मानसिकता है या दिग्विजय सिंह के साथ कांग्रेस खड़ी है? क्योंकि उन्होंने कहा यह आज जो मैं बोल रहा हूं वह जवाहरलाल नेहरू जी ने कहा तो क्या जवाहरलाल नेहरू जी के समय से हिंदुओं का अपमान करना यह कांग्रेस की विचारधारा है? यदि आप हिंदू को या बहुसंख्यक को कटघरे में खड़ा करते हो तो कहीं ना कहीं आप हिंदुस्तान को भी कटघरे में खड़ा करते हो.'
दिग्विजय के इमरान खान जी बोलने पर विवाद
दिग्विजय सिंह के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को 'जी' बोलने पर भी बीजेपी नेता ने आपत्ति जताई है. विश्वास सारंग ने कहा, 'हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को तो आप गाली देते हो जिसे 130 करोड़ जनता ने चुना है और जो पाकिस्तान का प्रधानमंत्री हिंदुस्तान में लगातार हमारे सैनिकों को मारने की बात करता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है आप उसको जी बोलते हो.
संत समाज के कार्यक्रम में आग भगवा आतंकवाद की बात करते हो और जाकिर नायक के कार्यक्रम में जाकर उसको शांतिदूत बोलते हो. जिस चाल से दिग्विजय सिंह चल रहे हैं, मुझे ऐसा लगता है कि वह आने वाले दिनों में पाकिस्तान जाकर ही ना बस जाएं क्योंकि वहां उन्हें बिना वीजा के भी रख लिया जाएगा.'