हिंदू आतंकवाद के मसले पर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेताओं जीवीएल नरसिम्हा राव और अमित मालवीय के आरोप पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया. दिग्विजय ने मानहानि की धमकी देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अक्षम बता दिया.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे जानकारी मिली कि बीजेपी के प्रवक्ता नरसिम्हा राव और अमित मालवीय ने मुझ पर आईएसआईएस का जासूस होने का आरोप लगाया है. अगर ऐसा है तो पीएम मोदी और अमित शाह अक्षम हैं, मुझे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? मैं उन दोनों (राव और मालवीय) को मानहानि का नोटिस भेजूंगा.
Digvijaya Singh, Congress: I received info that BJP spox Narasimha Rao & Amit Malviya accused me of being an ISI mole. If that is the case then PM Modi & Amit Shah are incompetent, why haven't I been arrested? I will send both of them (Rao & Malviya) defamation notice. (19.02.20) https://t.co/APlAnLzS8c pic.twitter.com/OyEwfFSYY8
— ANI (@ANI) February 19, 2020
इससे पहले बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि हम कांग्रेस के हिंदू आतंकवाद के विचार और लश्कर-आईएसआई की 26/11 की रणनीति के बीच एक संबंध देख सकते हैं. क्या भारत का कोई व्यक्ति आईएसआई आतंकवादियों को हिंदू पहचान दिलाने में मदद कर रहा है? क्या दिग्विजय सिंह हैंडलर के रूप में काम कर रहे थे? इसका जवाब देना चाहिए.
Soon after the 26/11 terror attack, Congress leader Digvijaya Singh along with cheerleaders from Bollywood, at a book launch, which blamed the RSS said ‘Nowhere in this book you can see the involvement of Pakistani terrorists in 26/11’.
Exactly what Pakistan wanted them to say? pic.twitter.com/E5mDITWpx6
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 19, 2020
वहीं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक ट्वीट शेयर करते हुए लिखा, '26/11 के आतंकी हमले के तुरंत बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बॉलीवुड के चीयरलीडर्स के साथ एक बुक लॉन्च पर आरएसएस को दोषी ठहराया और कहा कि इस किताब में कहीं भी आप 26/11 में पाकिस्तानी आतंकवादियों की संलिप्तता नहीं देख सकते. उन्होंने वही किया जो पाकिस्तान चाहता था?.'
क्या है पूरा मामला
दरअसल, आरोप-प्रत्यारोप का दौर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की आत्मकथा 'Let Me Say It Now' में किए गए खुलासे से हुई. 26/11 मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए राकेश मारिया ने लिखा, 'यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब समीर चौधरी के रूप में मारा जाता और मीडिया की ओर से इस हमले के लिए 'हिंदू आतंकवादियों' को दोषी ठहराया जाता.
इस खुलासे पर मुंबई आतंकी हमले के मुकदमे की पैरवी करने वाले विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा है कि जहां तक 26/11 मुंबई हमले की बात है, हमने अदालत के सामने 10 आईडी कार्ड पेश किए थे जो फर्जी थे. उनमें से एक कसाब और 9 अन्य आरोपियों के कार्ड थे. यह सच है कि उन आईडी कार्ड पर हिंदू नाम लिखे थे.