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दिमनी विधानसभा सीट: क्या BJP वापस जीत पाएगी अपनी परंपरागत सीट?

पिछले चुनाव की बात की जाए तो बसपा के बाद कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी और बीजेपी तीसरे नंबर पर थी. हालांकि, बीजेपी की बूथ स्तर से तैयारी चल रही है लेकिन उम्मीदवार को लेकर उसके सामने मुश्किल है. क्योंकि पार्टी में टिकट के दावेदार अधिक हैं.

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दिमनी विधानसभा सीट.
दिमनी विधानसभा सीट.

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मध्य प्रदेश की दिमनी विधानसभा सीट को पाने के लिए इस बार बीजेपी, बसपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है. फिलहाल यह सीट बसपा के कब्जे में है और विधायक हैं बलवीर सिंह डंडोतिया.

वैसे तो यह बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है. लेकिन पिछली बार मतदाताओं ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया था. 1998 से लगातार यहां बीजेपी जीत रही थी, लेकिन 2013 के चुनाव में बसपा ने बड़ा उलट फेर कर दिया.

इस बार टक्कर भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच में मानी जा रही है. दोनों ही दल तकरीबन बराबर स्थिति में हैं. विकास कार्य ना होने के कारण लोग बसपा से नाराज चल रहे हैं.

पिछले चुनाव की बात की जाए तो बसपा के बाद कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी और बीजेपी तीसरे नंबर पर थी. हालांकि, बीजेपी की बूथ स्तर से तैयारी चल रही है लेकिन उम्मीदवार को लेकर उसके सामने मुश्किल है. क्योंकि पार्टी में टिकट के दावेदार अधिक हैं.

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दूसरी बात यह कि इस सीट पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का भी अच्छा ख़ासा प्रभाव है. यदि वे इसके लिए ठीक से सक्रिय हुए तो भाजपा को लाभ मिल सकता है. यहां सबसे ज्यादा तोमर समुदाय के लोग है, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. इसके अलावा अनुसूचित जाति व ब्राह्मण मतदाता के वोट भी बड़ा फेरबदल कर सकते हैं.

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