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MP: 'पत्नी से लड़कर आते हैं अफसर', डॉक्टरों की अजीबोगरीब चिट्ठी वायरल

चिकित्सा शिक्षक संघ की मेडिकल एसोसिएशन को लिखी चिट्ठी वायरल हो गयी है. मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को लिखे इस पत्र में एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि सतपुड़ा-वल्लभ भवन के अफसर पत्नियों से लड़कर आते हैं और उनको कब्जियत रहती है.

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ये चिट्ठी मेडिकल एसोसिएशन को लिखी गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ये चिट्ठी मेडिकल एसोसिएशन को लिखी गई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चिकित्सा शिक्षक संघ की चिट्ठी वायरल
  • अफसरों पर किया गया भद्दा कमेंट

मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षक संघ की मेडिकल एसोसिएशन को लिखी चिट्ठी वायरल हो गयी है. इसके वायरल होने की वजह है इसमें वल्लभ भवन और सतपुड़ा भवन के अफसरों पर किया गया भद्दा कमेंट. मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को लिखे इस पत्र में एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि सतपुड़ा-वल्लभ भवन के अफसर पत्नियों से लड़कर आते हैं और उनको कब्जियत रहती है. 

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ये पत्र BMC सागर में पदस्थ चिकित्सा शिक्षक संघ सागर के अध्यक्ष सर्वेश जैन और सचिव शैलेंद्र पटेल ने लिखा है. पत्र में लिखा कि 'देखा गया है कि वल्लभ भवन और सतपुड़ा भवन के अफसर पत्नियों से लड़कर आते हैं और उनको कब्जियत रहती है. जिस वजह से वे पूरा दिन अतार्किक निर्णय लेते हैं. ऐसा ही एक निर्णय तत्कालीन अपर मुख्य सचिव मप्र शासन द्वारा लिया गया था. जिसमें चिकित्सा शिक्षा विभाग को सातवां वेतनमान 2018 से दिया गया था, जबकि मप्र शासन के शेष विभागों में जनवरी 2016 से दिया गया है.'

चिकित्सा शिक्षक संघ की चिट्ठी.

जानकारी प्राप्त होने पर चिकित्सा शिक्षक मिलने गए तो पूर्ववर्ती ACS बोले- 'डॉक्टर साहब! सस्पेंड नहीं करूंगा, सीधा मेडिकल रजिस्ट्रेशन कैंसिल करूंगा. प्रैक्टिस करने लायक नहीं छोड़ूंगा.' अत: निवेदन है कि ऐसे अफसरों को मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग करवाएं. जब तक व्यवस्था नहीं होती तब तक सभी चिकित्सा शिक्षक उनके ईमेल और वॉट्सऐप पर मोटिवेशनल वीडियो और ऑफिस के एड्रेस पर Syp Cremaffin Plus भेजें.'

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पत्र को लेकर चिकित्सा शिक्षक संघ सागर के अध्यक्ष सर्वेश जैन से 'आजतक' ने बात की तो उन्होंने कहा की 'मध्य प्रदेश शासन के 56 विभाग हैं उनमें से 55 को सातवां वेतन आयोग 2016 से मिला है तो फिर चिकित्सा शिक्षा विभाग में क्यों नहीं मिल रहा. क्योंकि साहब का मूड नहीं है. उन्होंने कहा, चिट्ठी को मैं सिंपल शब्दों में भी लिख सकता था. 2019 से सिंपल शब्दों में हम लिख भी रहे हैं लेकिन अब वह कह रहे हैं कि लैंग्वेज आपको डीसेंट रखनी थी. आप हमें इतना जस्टिफाई कर दो कि 26 महीने का एरियर्स हमें अभी तक क्यों नहीं मिला? उन्होंने दावा किया कि बिना कोई कारण और बिना दस्तावेज के 26 महीने का एरियर्स रोक लिया गया.

 

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