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बाबा साहेब की जन्मस्थली बनेगी तीर्थस्थली: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बाबा साहब की जन्मस्थली को तीर्थस्थली के रूप में विकसित किया जाएगा.

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शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान

राष्ट्र के संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती उनकी जन्मस्थली पर हर्षोल्लास के साथ मनाई गई. इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बाबा साहब की जन्मस्थली को तीर्थस्थली के रूप में विकसित किया जाएगा.

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बाबा साहेब अंबेडकर की जन्मस्थली मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के महू में स्थित है. बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर पिछले कई वर्षों से बाबा अंबेडकर के अनुयायी महाकुंभ का आयोजन करते हैं. रविवार को महाकुंभ में पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के सम्मान व अधिकार की रक्षा हर हाल में की जाएगी.

चौहान ने अंबेडकर जन्मस्मारक पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए. उन्होंने केंद्र सरकार से बाबा साहेब की जन्मस्थली पर महाकुंभ के आयोजन स्थल की भूमि को स्थायी रूप से राज्य सरकार को देने की मांग की.

बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय एकता एवं सामाजिक समरसता सम्मेलन में चौहान ने कहा कि बाबा साहेब ने दलितों के आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किया. समाज में समरसता बढ़ाई और संविधान का निर्माण किया.

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उन्होंने कहा, 'डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली पर भव्य स्मारक बनाकर हम अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. बाबा साहेब के जन्म स्मारक को और अधिक भव्य रूप दिया जाएगा. महू को तीर्थस्थली के रूप में विकसित किया जाएगा. स्मारक बनाना हमारा धर्म और कर्तव्य था, जिसे हमने बखूबी पूरा किया है.'

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महाकुंभ किसी दल और व्यक्ति का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह पूरे समाज और राष्ट्र का कार्यक्रम है. इस आयोजन के लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय से देरी से अनुमति मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है.

केंद्र सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जिस भूमि पर यह आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है वह भूमि स्थायी रूप से राज्य शासन को दे दी जाए. जितनी भूमि राज्य सरकार को दी जाएगी उसकी दोगुनी भूमि वह केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय को दे देंगे. उन्होंने कहा, 'हम बाबा साहेब के ऋणी हैं.'

चौहान ने दिल्ली स्थित बाबा साहेब के परिनिर्वाण स्थल पर भव्य स्मारक बनाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई.

आयोजन में अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री कुंवर विजय शाह, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री महेंद्र हार्डिया, भंते सदानंद, भंते धर्मशील, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. इंद्रेश गजभिये आदि ने बाबा साहेब को याद किया.

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महाकुंभ में आए हजारों श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन आदि की व्यवस्था राज्य सरकार ने की. इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए देश के कोने-कोने से बाबा साहेब के अनुयायी महू पहुंचे थे. इस आयोजन में राजनीतिक रंग भी खूब नजर आया. कांग्रेस और भाजपा के नेता भी बड़ी संख्या में महू पहुंचे और बाबा साहेब को अपना आदर्श बताने में कोई पीछे नहीं रहा.

डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जन्मस्थली महू में भव्य स्मारक बनाया गया है. स्मारक पर विशेष साज-सज्जा की गई है. बाबा साहेब की जयंती पर महाकुंभ का यह सातवां वर्ष है. स्मारक का शिलान्यास वर्ष 1991 में हुआ था. मुख्यमंत्री चौहान ने स्मारक लिए वर्ष 2007 में छह करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की थी. भव्य स्मारक का लोकार्पण 14 अप्रैल, 2008 को हुआ था. स्मारक निर्माण पर कुल 12 करोड़ की राशि व्यय हुई है.

डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर की जन्मस्थली पर बना यह भव्य स्मारक मकराना के सफेद संगमरमर एवं मंगलोर के ग्रेनाइट से बना है. इस स्मारक को समीप से देखने पर बौद्ध धर्म के सांची जैसे प्राचीन स्मारकों की छवि दिखाई देती है. स्मारक की गोलाई से संसद का आभास होता है.

स्मारक का निर्माण बाबा साहेब अंबेडकर स्मारक निर्माण समिति की देखरेख में किया गया है. सीढ़ियों पर पीतल के हाथी तथा पाइप लगाकर रेलिंग की साज-सज्जा की गई है. स्मारक की भव्यता के लिए प्रथम तल पर चारों ओर संगमरमर की जालियां लगाई गई हैं. स्मारक के सामने 14 फीट ऊंची भव्य एवं आकर्षक मूर्ति लगाई गई है.

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