मध्यप्रदेश में करोड़पति सरकारी कर्मियों के भंडाफोड़ का सिलसिला जारी है. पुलिस के लोकायुक्त दस्ते ने एक आला सरकारी अफसर के ठिकानों पर आज छापे मारे और उसकी बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया. जांच के शुरुआती दौर में इस संपत्ति का बाजार मूल्य करीब दो करोड़ रुपये आंका जा रहा है.
लोकायुक्त पुलिस के सूत्रों ने बताया कि सागर में सहायक आबकारी आयुक्त के रूप पदस्थ जगदीश राठी के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार से बेहिसाब दौलत बनाने की शिकायत मिली थी. इस शिकायत पर उसके इंदौर और सागर स्थित ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गये. सूत्रों ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस की अब तक की छानबीन में पता चला है कि राठी करीब दो करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाली चल-अचल संपत्ति का मालिक है. यह संपत्ति उसकी आय के ज्ञात जरियों के लिहाज से कहीं ज्यादा है. विस्तृत जांच में सरकारी अफसर की इस मिल्कियत में इजाफा हो सकता है.
सूत्रों के मुताबिक लोकायुक्त पुलिस के छापों के दौरान राठी की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा हुआ. इसमें इंदौर और इसके आस.पास आवासीय और व्यावसायिक इमारतों तथा भूखंडों समेत 15 से ज्यादा अचल संपत्तियां शामिल हैं. सूत्रों ने बताया कि छापे के दौरान सरकारी अधिकारी के इंदौर स्थित ठिकाने से करीब 14 लाख रुपये की नकदी मिली.
इसके अलावा, लगभग 20 लाख रुपये मूल्य के स्वर्णाभूषण और साढ़े 12 लाख रुपये कीमत के चांदी के जेवरात और बर्तन बरामद किये गये. उन्होंने बताया कि राठी करीब 26 साल से सरकारी सेवा में है और उसने सागर में सहायक आबकारी आयुक्त के रूप में तीन महीने पहले ही पदभार संभाला था. लोकायुक्त पुलिस के दल ने सागर में उसके मकान और दफ्तर को सील कर दिया है. सरकारी अफसर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपी की संपत्ति का विस्तृत मूल्यांकन जारी है.