मध्य प्रदेश के हरदा के पास एक ही जगह पर एक के बाद एक दो ट्रेनों के साथ बड़ा हादसा हुआ. हरदा से खिड़किया स्टेशन के बीच हुए हादसे में कामायनी और जनता एक्सप्रेस की 16 बोगियां पुलिया धंसने से पटरी से उतर गईं. हादसे में अब तक 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 100 से अधिक घायल हुए हैं. इस दुर्घटना के एक चश्मदीद से जानें उस भयावह मंजर का आंखों देखा हाल.
हादसे में दुर्घटनाग्रस्त कामायनी एक्सप्रेस में सवार मटुक नारायण ने आज तक से खास बातचीत में अपना भयावह अनुभव साझा किया. मटुक ने बताया कि वह कामायनी एक्सप्रेस के S 7 बोगी में थे. मटुक ने दुर्घटना का जिक्र करते हुए बताया, 'मैंने अचानक धमाके जैसी आवाज सुनी और थोड़ी देर के अंदर ही मैंने देखा कि हमारा डब्बा पानी में था. मैंने अपने झोले से एक धोती निकाली. हमने दरवाजे से धोती बांधी और एक-एक करके बाहर निकलने लगे. मेरे साथ लगभग 20 लोग इसी धोती को पकड़ कर बाहर निकले.'
जब मारी दूसरी ट्रेन ने टक्कर
मटुक काफी घबराए हुए थे. उन्होंने कहा कि हमारी ट्रेन पानी में थी कि इतने में ही दूसरी ट्रेन ने आकर टक्कर मार दी. इसके बाद भी कई लोग उछल कर गिरे. मटुक ने कहा, 'मेरा सारा सामान तो डब्बे में ही रह गया लेकिन भगवान का शुक्र है कि मेरी जान बच गई.' रेलवे ने बचाव अभियान पूरा कर लिया है.