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फैक्ट चेक: चुनाव वाले मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया पर फर्जी चिट्ठियों की बाढ़

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार अब थम चुका है, लेकिन राजनीतिक दलों की अंदरूनी बातचीत की चिट्ठियां लीक होकर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने का सिलसिला जारी है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही ऐसे फर्जी चिट्ठियों की शिकार हैं.

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अरुण यादव (फोटो-फेसबुक)
अरुण यादव (फोटो-फेसबुक)

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान को कुछ ही वक्त बचा है. सोमवार शाम को चुनाव प्रचार भी थम गया. लेकिन ऐसे में भी राजनीतिक दलों की अंदरूनी बातचीत की चिट्ठियां लीक होकर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने का सिलसिला जारी है.

ऐसी ही एक चिट्ठी सीहोर जिले की बुधनी सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अरुण यादव की बताई जा रही है. इस चिट्ठी को व्हाट्सऐप ग्रुप्स में भी खूब शेयर किया जा रहा है.

CM के खिलाफ अरुण यादव

चिट्ठी के मुताबिक अरुण यादव को अपनी गृह सीट से टिकट नहीं मिलने की वजह से नाखुश बताया जा रहा है. चुनावी रण में यादव का सामना तीन बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से है. कथित चिट्ठी में यादव को मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ के खिलाफ टिकट बंटवारे को लेकर भड़ास निकालते हुए बताया जा रहा है. चिट्ठी में ये भी जिक्र है कि ‘कांग्रेस का उम्मीदवार होने की वजह से उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.’

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इंडिया टुडे फैक्ट चेक टीम ने अपनी पड़ताल में इस चिट्ठी को फर्जी पाया. चिट्ठी में ही ऐसे कई प्रमाण हैं जिनसे इसके असल नहीं होने के संकेत मिलते हैं.

चिट्ठी में कई स्पष्ट गलतियां हैं. जिस शख्स को चिट्ठी में संबोधित किया जाता है आमतौर पर उसका नाम सबसे ऊपर लिखा जाता है. जबकि इस चिट्ठी में जिसने चिट्ठी लिखी उसका नाम सबसे ऊपर था और जिसे चिट्ठी को संबोधित किया गया था उसका नाम सबसे नीचे था.

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दूसरी बात ये कि लोकसभा वेबसाइट के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आधिकारिक पता ‘12 तुगलक लेन, नई दिल्ली’ है.  जबकि चिट्ठी में दो अलग पतों ‘10, जनपथ’ और मोतीलाल नेहरू मार्ग का हवाला दिया गया है.

राजनीतिक दलों की आधिकारिक चिट्ठियों में इस तरह की गलतियां मुमकिन हैं, लेकिन बहुत ही कम ऐसा होता है. वो भी ऐसी स्थिति में जब दो बार के लोकसभा सांसद और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी जा रही हो.  

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कांग्रेस ने बताया फर्जी

मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने इंडिया टुडे को बताया कि ‘चिट्ठी फर्जी है. जो चिट्ठी वायरल हो रही उसमें दिए गए हस्ताक्षर अरुण यादव के हस्ताक्षर से मेल नहीं खाते.’

उन्होंने भी हमें चिट्ठी की कॉपी भेजी. हस्ताक्षर को यादव की ओर से चुनाव आयोग को उनकी ओर से भेजी गई चिट्ठी के हस्ताक्षर से हमने मिलाया तो वो मेल नहीं खाए.

चतुर्वेदी ने हमारे साथ उनके दावे के मुताबिक मध्य प्रदेश कांग्रेस यूनिट की आधिकारिक रिकॉर्ड बुक को भी शेयर किया. इस रिकॉर्ड बुक के मुताबिक चिट्ठी (डिस्पैच नंबर 1143/18) को कांग्रेस अध्यक्ष को 21/11/2018 को संबोधित नहीं किया गया था.

उनकी रिकॉर्ड बुक के मुताबिक चिट्ठी को 17/08/18 को संतोष कुमार पांडे को संबोधित किया गया था. चतुर्वेदी का कहना है कि पांडे को अन्नुपुर जिले का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था

दोनों हस्ताक्षरों को पास से देखने पर उनका आपस बेमेल होना साबित होता है.

अरुण यादव ने किया ट्वीट

अरुण यादव ने भी फर्जी चिट्ठी को लेकर ट्वीट किया. उनकी पार्टी ने इस बारे में थाने में शिकायत भी दर्ज कराई.

इस बीच, मध्य प्रदेश में एक और चिट्ठी वायरल हो रही है. इस चिट्ठी को कथित तौर पर RSS की ओर से मध्य प्रदेश बीजेपी प्रमुख राकेश सिंह को लिखा गया. इस चिट्ठी में कहा गया है कि RSS की ओर से 15 से 21 नवंबर 2018 के बीच कराए गए ‘सीक्रेट सर्वे’ के मुताबिक बीजेपी राज्य में हार का सामना करने जा रही है.

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चिट्ठी में जिस सर्वे का हवाला दिया गया है उसके मुताबिक कांग्रेस 142 सीटों पर मजबूत है, जबकि बीजेपी का सिर्फ 68 सीटों पर पलड़ा भारी है. चिट्ठी में वोटरों पर मोदी और शाह के प्रचार को लेकर प्रभाव पर भी संदेह जताया गया है. चिट्ठी पर किसी प्रमोद नामदेव के हस्ताक्षर हैं. नामदेव का पद ‘सर्वे एवं जनमत’ का प्रमुख बताया गया है.

सर्वे एवं जनमत जैसा कोई पद नहीं

हमने RSS की वेबसाइट को खंगाला तो ‘सर्वे एवं जनमत’ के प्रमुख जैसा कोई पद नहीं दिखा. इंटरनेट पर 2017 की कुछ पुरानी न्यूज रिपोर्ट्स गुजरात चुनाव पर RSS के सर्वे को लेकर उपलब्ध है. लेकिन उनमें से अधिकतर सूत्रों पर आधारित हैं और इनमें RSS सर्वे का कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया.

RSS के मीडिया विंग विश्व संवाद केंद्र ने एक बयान जारी कर चिट्ठी को फर्जी बताया है. इसमें ये भी कहा गया है कि इस चिट्ठी को ‘राजनीतिक लाभ लेने के लिए भ्रम पैदा करने को शरारतन फैलाया जा रहा है.’

RSS प्रवक्ता अजय नारंग ने विश्व संवाद केंद्र जैसे बयान को ही दोहराया. नारंग ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ‘RSS कभी चुनावी सर्वे नहीं कराता. साथ ही चिट्ठी में जैसा दावा किया गया है वैसा कोई सर्वे विंग हमारे पास नहीं है.’

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चुनाव आयोग में शिकायत

मध्य प्रदेश के बीजेपी मीडिया इंचार्ज लोकेंद्र पाराशर ने दावा किया कि पार्टी ने इस संबंध में चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है. हालांकि इस रिपोर्ट को फाइल करने तक कई बार आग्रह करने पर भी हमें शिकायत की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई.

ये संभव है कि RSS ने मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर कोई गुप्त आंतरिक सर्वे कराया गया हो, लेकिन हम स्वतंत्र रूप से इस चिट्ठी विशेष की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं कर सकते.

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