ग्वालियर के सिंधिया स्कूल रैगिंग मामले में जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद तीन छात्रों और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज उन्हें हिरासत में ले लिया गया. हालांकि इनमें से 3 नाबालिगों को तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया गया. तीन छात्रों को स्कूल से भी निकाल दिया गया है.
गौरतलब है कि जिलाधिकारी पी. नरहरि ने मामले में पांच सदस्यों की समिति गठित की थी, जिसकी जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि छात्र आदर्श सिंह के साथ रैगिंग हुई थी और सीनियर छात्रों की प्रताड़ना के कारण ही उसने सुसाइड करने की कोशिश की थी.
गौरतलब है कि आदर्श सिंह बिहार के सहकारिता मंत्री जय कुमार सिंह का बेटा है. बीते शनिवार को मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे. सोमवार को रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने सीनियर छात्रों और स्कूल प्रशासन को मामले में दोषी माना था.
क्या है जांच रिपोर्ट में
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि आदर्श सिंह के साथ रैगिंग हुई है. उसे सीनियर छात्रों द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है. आदर्श के पास मोबाइल फोन था, जिससे उसने अपनी फोटो इंटरनेट पर अपलोड कर दी. सीनियर स्टूडेंट इस बात से भी नाराज थे, क्योंकि सिंधिया स्कूल में मोबाइल के उपयोग पर रोक है. सीनियर स्टूडेंट भी अपनी तस्वीर इंटरनेट पर अपलोड करना चाहते थे, लेकिन स्कूल के निर्देश के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे थे. इस बात को लेकर भी आदर्श के साथ बदसलूकी की गई.
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि मामले को लेकर स्कूल मैनेजमेंट का रुख ठीक नहीं रहा. घटना के समय और बाद में स्कूल मैनेजमेंट को जिस तरह की भूमिका निभानी चाहिए थी, वैसा नहीं हुआ.
गौरतलब है कि ग्वालियर किले पर स्थित सिंधिया स्कूल के 9वीं के छात्र आदर्श कुमार को बीते दिनों अपने कमरे में संदिग्ध हालत में बेहोश पाया गया था. आदर्श को ग्वालियर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के अपोलो अस्पताल ले जाया गया. आदर्श अभी अस्पताल में भर्ती है.