दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री रहते मध्यप्रदेश विधानसभा में हुई फर्जी नियुक्तियों को लेकर भोपाल पुलिस ने तत्कालीन मुख़्यमंत्री दिग्विजय सिंह और विधानसभा अध्यक्ष समेत 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. ये 17 नियुक्तियां विधानसभा में दिग्विजय शासन काल में 1993 से लेकर 2003 में हुई थी. वही कांग्रेस का कहना है कि राजनीतिक बदले की भावना से कार्यवाही की जा रही है क्योंकि दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के व्यापम घोटाले में शपथ पत्र देकर आरोप लगाए हैं.
विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवान दास इसरानी ने कहा, शचीन्द्र आयोग की सिफारिश के बाद कार्यवाही का फैसला किया गया है. पुलिस ने धारा 420, 488, 471 और 120B के साथ इसमें 131d प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट भी लगाया है. आगे कार्यवाही भी जल्दी की जाएगी. भोपाल के एसपी अंशुमान सिंह ने बताया,'प्रथम दृष्टया अपराध पाए जाने पर मामला दर्ज किया गया है. 19 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. तत्कालीन अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी और दिग्विजय सिंह का नाम आरोपियों में शामिल है.'
उधर कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बदले की भावना से कार्यवाही करवा रहे है क्योंकि शिवराज व्यापम में फंस चुके है. कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल ने कहा, 'जिस तरह दिग्विजय सिंह के खिलाफ इसरानी ने एफआईआर की है, ये राजनीतिक विद्वेष के कारण ही है, व्यापम घोटाले में मुख्यमंत्री पूरी तरह से फंस चुके है. कांग्रेस भी 2 मार्च को व्यापम खुला मंच कर मुख्यमंत्री को घेरेगी.